मोतियाबिंद एक ऐसी बीमारी हो गई है, जिसे दुनिया भर में करोड़ों लोग पीड़ित हैं.
मोतियाबिंद आंखों में होने वाली बीमारी है और यह एक खास उम्र के बाद शुरू होती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके लक्षण काफी पहले से शुरू हो जाते हैं.
दरअसल आंखों के लेंस के ऊपर एक धुंधली परत जम जाती है, जिसे मोतियाबिंद या फिर मेडिकल लैंग्वेज में क्लाउडिंग ऑफ लेंस कहा जाता है.
आखों में मोतियाबिंद बीमारी के क्या-क्या लक्षण होते हैं, इसके बारे में आज आपको बताते हैं.
मोतियाबिंद होने के पीछे कई बार जन्म जात कारण होता है या फिर कोई चोट हो सकती है. इसके साथ ही उम्र बढ़ना या कोई बीमारी जैसे डायबिटीज की वजह से भी यह हो सकती है.
अगर किसी को मोतियाबिंद होता है तो शुरुआती दौर में उसकी आंखों में हल्का धुंधलापन छा जाता है. इसके साथ ही उसे बार-बार चश्मा बदलने की जरूरत पड़ने लगती है.
इसके साथ-साथ मोतियाबिंद होने की शुरुआत में इंसान को रोशनी जैसे कि बल्ब या किसी अन्य चीज के आसपास अजीब सा गोलाकार दिखाई देना लगता है.
बता दें कि मोतियाबिंद दो तरह का होता है- काला मोतिया और सफेद मोतिया. अगर आपकी आंखों में इसमें से कोई लक्षण दिखाई दें तो आपको समय पर सर्जरी करवा लेनी चाहिए.
मोतियाबिंद से बचने के लिए खान-पान में सुधार करना चाहिए और अपने रूटीन को हेल्दी बना कर रखना चाहिए.
आंखों से जुड़ी तकलीफों से बचने के लिए सनफ्लावर ऑयल, खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, विटामिन ए से भरपूर चीजों को शामिल करना चाहिए.
बता दें कि धूम्रपान-अल्कोहल का सेवन करने वाले लोगों में मोतियाबिंद का खतरा ज्यादा होता है.