Dharm Desk: हिंदू धर्म में शिवलिंग पूजा सिर्फ धार्मिक प्रक्रिया नहीं बल्कि आस्था, ऊर्जा और प्रकृति के संतुलन का प्रतीक मानी जाती है. मान्यता है कि शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली हर वस्तु ऊर्जा को सक्रिय करती है और साधक के मन, स्वास्थ्य और वातावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर चीज शिवलिंग पर चढ़ाई नहीं जाती? कुछ चीजें बेहद शुभ मानी जाती हैं वहीं कुछ वस्तुओं को शास्त्रों में निषिद्ध बताया गया है.
क्या चढ़ाना चाहिए?
जल और गंगाजल
शिव को जल अर्पण करना सबसे प्राचीन और सरल विधि है. जल शिवलिंग पर पड़ते ही वातावरण को शुद्ध करता है और माना जाता है कि इससे मन का ताप शांत होता है.
बेलपत्र
बेल के पत्तों पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की ऊर्जा मानी जाती है. शिव पूजा में इसे सबसे पवित्र अर्पण माना गया है. ध्यान रहे बेलपत्र तीन पत्तियों वाला हो, टूटा या फटा न हो.
कच्चा दूध
कच्चा गोरस शिवलिंग पर चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है. इसे शिव की प्रसन्नता का सरलतम माध्यम बताया गया है. हां, दूध ताजा होना चाहिए.
धतूरा और भांग
मान्यता है कि ये पौधे शिव को प्रिय हैं, इसलिए इन्हें चढ़ाने से कष्टों से मुक्ति और मानसिक शांति प्राप्त होती है.
सफेद पुष्प
विशेष रूप से कनेर, कुंद, चमेली जैसे सफेद फूल शिव को अर्पण करने योग्य माने जाते हैं जो शांति और सात्विकता का प्रतीक हैं.
क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?
हल्दी
शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाने की मनाही है. इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है जबकि शिव संन्यासी स्वरूप के देवता हैं, इसलिए हल्दी वर्जित है.
केतकी का फूल
पुराणों के अनुसार केतकी फूल ने कभी असत्य कहा था, इसलिए इसे शिव पूजा में पूर्णतः निषिद्ध माना गया है.
नारियल पानी
नारियल का जल शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता क्योंकि इसे पवित्र फल के रूप में अलग महत्व दिया गया है और यह शिव पूजा विधियों में शामिल नहीं है.
तुलसी पत्ती
तुलसी को शिव-विरोधी नहीं माना जाता, लेकिन पुराणों के अनुसार तुलसी माता शालिग्राम की अर्धांगिनी हैं, इसलिए उन्हें शिवलिंग पर अर्पित नहीं किया जाता.
सिंदूर और कुमकुम
ये सौभाग्य का प्रतीक हैं जबकि शिव का स्वरूप विरक्ति और त्याग का है, इसलिए शिवलिंग पर इनका प्रयोग नहीं होता.
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आखिरी बात
शिवलिंग पूजा का सार शुद्ध मन, सरलता और आस्था है. सही वस्तु अर्पित करना उतना महत्वपूर्ण नहीं जितना कि सच्ची भावना और श्रद्धा.
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.

