लगभग सभी हिंदुओं के घर में अलग-अलग देवी-देवताओं की विधिवत पूजा की जाती है. हिंदुओं में देवी देवताओं की विधिवत पूजा का विशेष महत्व है.
साथ में यह भी कहा जाता है कि ईश्वर की पूजा बिना आरती के पूरी नहीं होती है. जब तक आरती ना की जाए तब तक पूजा का पूर्ण फल नहीं प्राप्त होता है.
हिंदू धर्म में भगवान की आरती के कई तरह के नियम बताए गए हैं लेकिन कुछ लोग वह को यह तरीका ना पता होने के चलते आरती सही से नहीं करते हैं.
जब भी भगवान की आरती करें, दिया हमेशा दाएं हाथ में पकड़ा जाना चाहिए.
आरती के समय दिए को हमेशा घड़ी की दिशा में घुमाना चाहिए उल्टा दिशा में कभी भी दीपक को नहीं घुमाना चाहिए.
आरती के समय हमेशा दीपक को क्लॉक वाइज घुमाते हुए ओम का आकार बनाते हुए आरती उतारनी चाहिए.
आरती शुरू करते ही सबसे पहले 4 बार दीपक को घुमा कर भगवान के चरणों की उतारी जानी चाहिए.
भगवान के चरणों की आरती उतारने के बाद दो बार उनकी नाभि और फिर आखिरी में एक बार भगवान के मुख की आरती उतारी जाती है. इसे 7 बार दोहराना होता है.
आरती पूरी होने के बाद शंख को बजाना काफी शुभ माना जाता है. आरती के दौरान भी आप घंटी और शंख को बजा सकते हैं.
हिंदू धर्म के मुताबिक, आरती सदैव खड़े होकर करनी चाहिए.