आए दिन आप अपने घर में या फिर अपने आसपास प्रॉपर्टी को लेकर के तमाम तरह के झगड़े देखते होंगे.
हमेशा से माना जाता रहा है कि एक बेटे को उसके पिता की सारी संपत्ति हासिल होती है.
लेकिन आज आपको बताएंगे कि कोई भी बेटा अपने पिता की प्रॉपर्टी पर दावा कर सकता है या नहीं कर सकता है.
खुद की कमाई हुई सभी संपत्ति पर फैसला लेने के लिए एक पिता स्वतंत्र होता है. वह जिसके नाम करना चाहे, उसी के नाम अपनी प्रॉपर्टी करे.
कोई भी पिता खुद की कमाई से खरीदी हुई प्रॉपर्टी को अपने बेटा बेटी को देने से मना कर सकते हैं.
पिता को यह अधिकार भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, संपत्ति अंतरण अधिनियम में दिया गया है.
अगर वसीयत से पहले अगर पिता का देहांत हो जाता है तो उसके बेटे बेटियों को उसकी जमीन पर कानूनी अधिकार मिल जाता है.
कोई भी पिता पैतृक संपत्ति से संबंधित वसीयत नहीं बना सकता है.
खानदान की पैतृक संपत्ति पर बेटा बेटी का दोनों को बराबर अधिकार मिलता है.