बजरंगबली भगवान हिंदू धर्म के आराध्य में से एक माने जाते हैं. वह भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं.
रामायण में पढ़ा या सुना होगा कि हनुमान जी ने अपनी पूंछ से पूरी लंका में आग लगाकर उसे फूंक डाला था.
हनुमान जी की पूंछ में इतनी अधिक ताकत देखकर के खुद रावण भी चकरा गया था और वह सोचने लगा कि बजरंगबली की पूंछ में आखिर ऐसा क्या खास था?
इसके बाद रावण ने भगवान भोलेनाथ की आराधना की और उनसे इस बारे में पूरी जानकारी ली.
इसके बाद भगवान भोलेनाथ ने रावण को बताया कि हनुमान मेरा ही 11वां रुद्र अवतार हैं और उनकी पूंछ में माता पार्वती वास करती हैं.
पुराणों की कथाओं के अनुसार, लंका का निर्माण भगवान भोलेनाथ ने किया था लेकिन रावण उसे देखकर आकर्षित हो गया था.
उसने दान में भगवान शंकर से वह लंका मांग ली थी और इस बात से पार्वती नाराज हो गई थी.
भगवान भोलेनाथ ने उन्हें बहुत मनाया लेकिन वह नहीं मानी और उन्होंने त्रेता युग में रावण को दंडित करने की बात कही थी.
भगवान शिव ने कहा कि त्रेता में जब प्रभु राम आएंगे तब रावण मां सीता का हरण करेगा.
फिर मैं हनुमान का रूप धारण करूंगा और माता सीता की खोज में जाऊंगा. उस समय तुम मेरी पूंछ बन जाना और रावण की स्वर्ण लंका को आग लगा देना. इस पर माता पार्वती मान गई थी.