अपने अपने आसपास कहीं ऐसे लोग देखे होंगे, जो की बात-बात को दिल से लगा लेते हैं.
अगर कोई उनसे कुछ गलत बोलता है तो वह उसे पर्सनली ले लेते हैं और इसकी वजह से उनकी मेंटल सेहत पर बुरा असर पड़ता है.
आज आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिससे कि आप हर बात को अपने ऊपर ना लेंगे और अपनी दिमागी सेहत भी ठीक रहेगी.
अगर आप किसी वजह से परेशान हैं तो उस पर रिएक्शन देने की बजाय यह सोचें कि क्या यह वाकई में इतनी बड़ी बात भी है, जिसकी वजह से आप परेशान हो रहे हैं.
किसी भी बात को नेगेटिव लेने की बजाय उसमें पॉजिटिव चीजों को ढूंढना शुरू कीजिए तभी आप खुश रहेंगे.
अगर आपको कोई बात पर्सनल रूप से परेशान कर रही है तो सबसे पहले तो उसका कारण जानने की कोशिश करें. ऐसा करने से आप उससे बचने के तरीके ढूंढ पाएंगे.
किसी भी बात पर कभी भी रिएक्ट करने से पहले सिचुएशन को संभालने की कोशिश करें. लोगों के प्रति सहानुभूति का भाव बनाए रखें.
अगर आपके बातों को पर्सनली लेने की आदत है तो सबसे पहले लोगों से अपनी सीमा निर्धारित कर लें. इसलिए आप लोगों से जितना कम जुड़ाव रखेंगे, उतना ही परेशान कम रहेंगे.
जरूरी नहीं कि किसी की कही गई हर बात ही गलत हो, अगर आपको कोई बात वाकई में परेशान कर रही है तो उसके पीछे की सच्चाई भी जानें.
लोगों की बातों को दिल पर लेने की बजाय यह सोचें कि आखिर आप उससे क्या सीख ले सकते हैं? हो सकता है कि अगर आप समझदारी से कम करें तो कोई बात परेशान नहीं करेगी.