रावण से सीता मां को महल के बजाय अशोक वाटिका में क्यों रखा?

बचपन से अपने रामायण के बारे में सुना और देखा होगा. रामायण में माता सीता के बारे में सभी जानते हैं.

लंका के राजा रावण ने धोखे से माता सीता का हरण कर लिया था और फिर उन्हें अपने साथ लंका ले गया.

सभी जानते हैं कि माता सीता 2 साल तक रावण की कैद में रही और वह अशोक वाटिका में रहती थी.

कई बार लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि जब रावण की लंका सोने की थी तो उसने सीता जी को अपने महल में क्यों नहीं रखा?

धर्म शास्त्रों के मुताबिक, रावण के पास दुनिया के सभी ऐशो-आराम थे लेकिन इसके बावजूद वह चाह कर भी माता सीता को अपने साथ महल में नहीं रख सकता था.

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, एक बार रावण रंभा नाम की अप्सरा को जबरदस्ती महल में ले गया और उसके साथ दुराचार किया.

रंभा ने रावण को बताया कि वह उसके भाई नलकुबेर की पुत्रवधू है, फिर भी रावण ने यह सब नहीं माना.

इसके बाद जब इस बात का पता नलकुबेर को चला तो उसने गुस्से में आकर रावण को श्राप दे डाला.

नलकुबेर ने कहा अगर रावण किसी भी महिला को उसकी मर्जी के खिलाफ महल में ले जाता है या उसे छूने की कोशिश करता है तो उसकी मृत्यु हो जाएगी.

इसी श्राप के डर की वजह से रावण ने माता सीता को अपने महल में नहीं रखा क्योंकि वह जानता था कि महिला ही उसकी मृत्यु का कारण बनेगी.