चलो न आसमान से मुलाकात करते हैं, खुद से आज खुद की ही बात करते हैं... @Readmeloud

ज़िंदगी खुद के हिसाब से जियो, दूसरों के हिसाब से तो गुलामी की जाती है... @Readmeloud

ऐ दोस्त, तुम दिल-ए-अजीज हो, क्या कहूं तुम कितनी जरूरी चीज हो... @Readmeloud

समाज उन लहरों की तरह है, जो डूबती कश्तियों को पार लगाने के बजाय उन्हें भंवर की तरफ भेजता है. @Readmeloud

आजकल ज्ञान मत बांटिए, इंसान लताड़ खाने का आदी हो चुका है... @Readmeloud