जब से राम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई है, उसके बाद से ही वहां पर भक्तों का ताता लगा रहता है.
जानकारी के मुताबिक, रामलला को रोज सुबह 4:00 बजे ठीक उसी तरह से जगाते हैं, जिस तरह से माता कौशल्या जगाती थी.
रामलला को सुबह सवेरे मंजन कराया जाता है और फिर उन्हें मुकुट और पगड़ी पहनाई जाती है.
कहा जाता है कि रामलला राजकुमार हैं इसलिए खुले सिर किसी के भी सामने नहीं जाते हैं और उन्हें अखंड फल का भोग भी लगाया जाता है.
हर रोज मंगला आरती होती है और ऐसे में उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जाता है, जिनके बारे में कहा जाता है, उनके दर्शन से श्री और सौभाग्य दोनों में वृद्धि होती है.
आरती के बाद हर सुबह रामलला को सफेद गाय और बछड़े के दर्शन कराए जाते हैं.
दरअसल हिंदू धर्म में गए ही एकमात्र ऐसी जीव है, जो की पूजनीय हैं और उन्हें माता का दर्जा दिया गया है.
ग्रथों के अनुसार प्रभु श्री राम सूर्यवंशी थे और उनके पास लाखों की संख्या में गायें थी.
कहा जाता है कि भगवान श्री राम हर दिन सुबह के समय गायों की पूजा करते थे और फिर अपने दिन की शुरुआत करते थे.
ग्रंथों की मानें तो सुबह सवेरे अगर सफेद गाय और बछड़े के दर्शन हो जाएं तो पूरा दिन शुभ गुजरता है और यही वजह है कि रामलला को हर सुबह सफेद गाय और उसके बछड़े के दर्शन कराए जाते हैं.