हिंदुओं में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होते हैं. ऐसे में सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ का दिन माना जाता है.
इस दिन शिवलिंग का पूजन किया जाता है. कहा जाता है कि जिस घर में महादेव के शिवलिंग की पूजा होती है, उस घर में सुख -समृद्धि आती है.
भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों से बहुत ही कम समय में प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन कहा जाता है कि उन पर कुछ चीज नहीं चढ़ानी चाहिए.
शिवलिंग का पूजन करते समय अगर इन चीजों को चढ़ा दिया जाता है तो उसे पाप के समान माना जाता है.
भगवान महादेव के शिवलिंग पर नारियल के पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए.
मान्यता है कि यह शिवलिंग पूजन के विरुद्ध है. शिवजी की प्रतिमा पर केवल नारियल चढ़ा सकते हैं.
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान शिव ने केतकी के फूल को श्राप दिया था, इसलिए कभी भी महादेव की पूजा में केतकी के फूल को समर्पित नहीं किया जाता.
कभी भी शिवलिंग पर तुलसी दल नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि तुलसी देवी को भगवान विष्णु के शालिग्राम अवतार की अर्धांगिनी के रूप में पूजा जाता है.
देवों के देव महादेव की पूजा में शंख का इस्तेमाल नहीं किया जाता है क्योंकि उन्होंने शंखचूड़ राक्षस का अंत किया था, जिससे शंख की उत्पत्ति हुई थी.
महादेव की पूजा करते समय शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना वर्जित माना जाता है. ऐसा करने से महादेव रूठ सकते हैं. उनको भस्म प्रिय है.
महादेव के शिवलिंग पर लाल रोली और कुमकुम भी नहीं चढ़ाने चाहिए. लाल रोलीली माता आदिशक्ति को समर्पित की जाती है.
महादेव का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग का हमेशा गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए और बेलपत्र चढ़ाने चाहिए. इससे महादेव बहुत ही कम समय में प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं.