इतनी तो मेरी खुद की ख्वाहिशें नहीं हैं, जितनी यहां लोगों की साजिशें हैं... @Readmeloud

चढ़ता सूरत शाम को ढल जाना है, अजीब ये ज़िंदगी का ताना-बाना है. मुस्कुराहटें लेकर लोग तुमसे मिलते हैं, ये दुनिया वाले दिल ही दिल में जलते हैं. @Readmeloud

मुस्कुरा उठती हैं ये मेरे दिल की चाहतें, सुन लेती हैं अगर उसकी हंसी की आहटें. @Readmeloud

होगा गुरूर तुम्हें अपने पैसों पर, हम तो यारों के दम पर ही दहाड़कर खुश हैं... @Readmeloud

अब पत्थरों से टकराने से डर नहीं लगता जनाब, इंसानों से धोखा खाने से लगता है... @Readmeloud

मैंने उसे चाहा- किसी ख्वाहिश की तरह, उसने लूटा मुझे किसी आजमाइश की तरह. @Readmeloud