महाभारत के धुरंधर अर्जुन समेत उनके चार भाइयों की पत्नी द्रौपदी के बारे में तो आपने सुना ही होगा.
द्रौपदी के पांच पति थे और वे पांडव थे. वह बहुत ही बड़े राजा द्रुपद की बेटी भी थी, इसके बावजूद उनकी जिंदगी में कई दुख लिखे हुए थे.
द्रौपदी के कई नाम हैं, जिसमें सबसे ज्यादा प्रसिद्ध कृष्णा और याज्ञसैनी था.
द्रोपदी के बारे में कहा जाता है कि वह अद्वितीय सुंदरी थीं. उन्हें देखकर कोई भी उन पर मोहित हो जाता था.
कई लोग तो महाभारत के पीछे द्रौपदी को ही जिम्मेदार मानते हैं. उन्होंने दुर्योधन को अंधे का पुत्र अंधा कह दिया था, बस इसी वजह से महाभारत का इतना बड़ा नरसंहार हुआ था.
द्रौपदी की मौत को लेकर अलग-अलग बातें कही जाती हैं. कुछ लोग कहते हैं कि कुरुक्षेत्र के युद्ध के बाद द्रौपदी की मौत हुई थी.
बता दें ही कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत में ही द्रौपदी के सारे पुत्र भी मार दिए गए थे.
जिंदगी की अंतिम सांस तक द्रौपदी ने अपने पांचों पतियों पांडवों का साथ नहीं छोड़ा था.
महाभारत के बाद पांडवों के साथ द्रौपदी ने हिमालय के रास्ते होते हुए स्वर्ग की यात्रा शुरू कर दी थी.
हिमालय की यात्रा करते समय सबसे पहले द्रौपदी गिरी थी और उनका निधन हो गया था.
द्रौपदी के निधन से सभी पांडव बेहद विचलित हो गए थे, वहीं इसका कारण भीम ने युधिष्ठिर से पूछा कि द्रौपदी इतनी जल्दी क्यों नहीं रही और उन्होंने स्वर्ग की यात्रा क्यों नहीं?
इसके बाद युधिष्ठिर ने अपने भाई भी को बताया कि द्रौपदी पांच पांडवों की पत्नी तो थी ही लेकिन उनके मन में पार्थ यानी कि अर्जुन के लिए अथाह प्रेम था.