मुसलमान हरे रंग को पवित्र क्यों मानते हैं?

जिस तरह से भगवा रंग को हिंदुओं से जोड़ा जाता है, उसी तरह हरा रंग मुस्लिम धर्म से जोड़ा जाता है. ज्यादातर मुस्लिम देशों के झंडे भी हरे रंग के होते हैं.  

हरे रंग को लेकर मुस्लिम धर्म में कई तरह की मान्यताएं हैं. इसे इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद से भी जोड़ा जाता है.

जानकारी के अनुसार, सऊदी अरब के मदीना में बने पैगंबर मोहम्मद के रोजा के गुंबद का रंग हरा है. इस वजह से मुस्लिम इस रंग से खुद को जोड़ते हैं.

मुस्लिम धर्म में हरे रंग को समृद्धि से जोड़ा जाता है. यही कारण है कि इसे खास तवज्जो दी जाती है.

हरे रंग की अहमियत आप इस तरह समझ सकते हैं कि सभी मुस्लिम देशों के झंडों का रंग हरा होता है.

सऊदी अरब और पाकिस्तान आदि देशों के रंग का झंडा हरा रंग का है. वहीं, अन्य मुस्लिम देशों के झंडे में भी कहीं न कहीं हरा रंग मिल ही जाता है.

मस्जिदों में भी हरा रंग किया जाता है. इसे प्रकृति से जोड़कर देखते हैं. कुरान की बाइंडिंग के अलावा इस्लामिक पार्टियों के झंडे में भी यह रंग जरूर दिख जाता है.