अक्सर आपने सुना या देखा होगा कि जब कोई बच्चा पैदा होता है तो उसे जरूर रुलाया जाता है.
अगर वह खुद से नहीं रो रहा है तो कई बार उसे धीमे से प्यार से मार कर रुलाया जाता है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों है?
दरअसल घर परिवार में जब कोई बच्चा आता है तो वह ढेर सारी खुशियां लेकर आता है.
रिपोर्ट्स के अनुसार जब बच्चा मां के गर्भ में होता है तो वह एक पैकेटनुमा चीज में बंद होता है.
ऐसे में यह खास तरह का लिक्विड कई बार बच्चों की फेफड़ों में भर जाता है.
जब बच्चे का जन्म होता है तो उसके अंदर से यह लिक्विड निकलना बेहद जरूरी होता है.
इसके लिए कई बार बच्चों के पैरों को पकड़ कर उन्हें उल्टा भी लटका दिया जाता है.
जैसे ही लिक्विड पर बच्चों के फेफड़ों से बाहर निकलता है, वह जल्दी-जल्दी सांस को लेना शुरू करता है और इसके चलते ही बच्चा जोर-जोर से रोने लगता है.
माना जाता है कि ऐसा करने से बच्चों के फेफड़े ठीक से काम करना शुरू कर देते हैं.