Karwa Chauth 2025: करवा चौथ व्रत विवाहित महिलाओं के बीच बेहद लोकप्रिय पर्व है. सुहागिनें यह व्रत पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना से करती हैं, वहीं अविवाहिताएं मनचाहा वर पाने के उद्देश्य से इसे रखती हैं. खासतौर पर उत्तर भारत के राज्यों में मनाया जाने वाला यह पर्व आस्था, प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं.
करवा चौथ व्रत 2025 की तिथि और मुहूर्त
वर्ष 2025 में करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जाएगा.
पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 05:57 से 07:11 बजे तक
व्रत का समय: सुबह 06:19 से रात 08:13 बजे तक
चंद्रोदय का समय: रात 08:13 बजे
करवा चौथ व्रत कथा
कहा जाता है कि एक साहूकार की सात संतानें थीं- छह बेटे और एक बेटी, जिसका नाम करवा था. एक बार करवा चौथ पर जब घर की सभी महिलाएं व्रत कर रही थीं, तो करवा ने भी यह व्रत रखा. रात को जब सभी भोजन करने बैठे तो भाइयों ने बहन से भी खाने का आग्रह किया, लेकिन करवा ने कहा कि वह चांद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलेगी.
करवा को भूखा-प्यासा देख छोटे भाई से रहा नहीं गया. उसने पीपल के पेड़ के पीछे दीपक जलाकर बहन से कहा कि चांद निकल आया है. भोली करवा ने इसे सच मान लिया और व्रत तोड़कर भोजन कर लिया. जैसे ही उसने निवाला खाया, उसके पति की मृत्यु हो गई. यह देखकर करवा व्याकुल हो गई और पूरे वर्ष पति के शव के पास बैठकर प्रायश्चित करती रही. अगले साल कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्थी को उसने पुनः पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करवा चौथ का व्रत किया, जिसके फलस्वरूप उसका पति फिर से जीवित हो गया. इसी घटना से करवा चौथ व्रत का महत्व और भी बढ़ गया और आज भी महिलाएं इस व्रत को पूरी आस्था और श्रद्धा से करती हैं.
करवा चौथ व्रत की विधि
ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करें और निर्जला व्रत का संकल्प लें. सास द्वारा दी गई सरगी (फल, मिठाई, मेवा आदि) ग्रहण करें.
दिनभर जल और भोजन का त्याग करें. धार्मिक ग्रंथ पढ़ें या करवा चौथ की कथा का श्रवण करें. सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करें और करवा चौथ की पूजा की तैयारी करें.
शाम को चौकी पर गणेशजी, गौरीजी और करवा (मिट्टी का पात्र) रखें. दीपक जलाएं और करवा चौथ की कथा पढ़ें. सुहाग सामग्री का आदान-प्रदान करें और आशीर्वाद लें. पति की लंबी उम्र की कामना करें.
रात को चंद्रमा को छलनी से देखें, अर्घ्य दें और प्रार्थना करें. पति से आशीर्वाद लेकर जल ग्रहण कर व्रत तोड़ें.
पूजन सामग्री सूची
करवा (मिट्टी का घड़ा)
दीपक और अगरबत्ती
सोलह श्रृंगार की वस्तुएं
चावल, रोली, कुमकुम
फल, मिठाई और सरगी
छलनी और थाली
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करवा चौथ का महत्व
● यह व्रत दंपत्ति के रिश्ते में प्यार, विश्वास और त्याग का प्रतीक है.
● नवविवाहित स्त्रियों के लिए पहला करवा चौथ अत्यंत विशेष और मंगलकारी माना जाता है.
● धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत से अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद मिलता है.
व्रत रखने के टिप्स
सुबह सरगी अच्छे से खाएं ताकि दिनभर ऊर्जा बनी रहे. शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए फल और जूस लें. पूजा सामग्री पहले से तैयार कर लें. रात को चंद्रमा निकलते ही व्रत खोलें और हल्का भोजन करें.
करवा चौथ सिर्फ़ एक व्रत नहीं बल्कि प्यार, विश्वास और आशीर्वाद का पर्व है. इस दिन पत्नी अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है. यह त्योहार न केवल परंपरा से जुड़ा है बल्कि आधुनिक समय में भी दंपत्ति के रिश्तों को गहरा और मजबूत बनाने का अवसर है.