….इस लिए रूठी हो गौरैया रानी
इस लिए रूठी हो गौरैया रानी,माफ करो इंसानों की मनमानी.घरों में न मिलता तुम्हें दाना है,बेरहम हुआ अब जमाना है.किताबों […]
इस लिए रूठी हो गौरैया रानी,माफ करो इंसानों की मनमानी.घरों में न मिलता तुम्हें दाना है,बेरहम हुआ अब जमाना है.किताबों […]
लिखना तो बहुत कुछ है,पर लिख नहीं पा रही हूं,ऐ मेरी नन्हीं जान, तुम हो मेरे अंदर,बस यह अहसास जिए
हर किसी को अब तुम्हारी, प्यारी किलकारियों का ही इंतजार है… और देखें »
जिस दिन ब्याह कर आई थी,मन में न जानें कितनी शंकाएं थी.कैसा होगा नया परिवार,ये सोच-सोच कर मन ही मन
दूसरे कहते रहे आप ‘सास’ हैं मेरी, पर आप मेरे लिए यशोदा बन गई और देखें »
उलझी हूं मैं खुद में,सुलझ नहीं पा रही हूं,किनारे पर है कश्ती,फिर भी निकल नहीं पा रही हूं. मन परेशान
ये फरवरी, मार्च, अप्रैल का महीनान जाने क्या रंग दिखलाता है,साल भर अच्छा रहने वाला दोस्तखुद ही दुश्मन बन जाता
ये फरवरी, मार्च, अप्रैल का महीना, न जाने क्या रंग दिखलाता है… और देखें »
उलझनें तुम्हारी कोई नहीं समझेगा,उलझने को हर कोई, और उलझेगा.क्या बीत रही है तुम पर,जानबूझ कर कोई नहीं पूछेगा.बताना भी
उलझनें तुम्हारी कोई नहीं समझेगा, उलझने को हर कोई, और उलझेगा! और देखें »
एक छोटी सी कहानी है,जो सबको सुनानी है.न इसमें कोई राजा है,और न ही इसमें कोई रानी है,एक छोटी सी
तुमसे इश्क़ किया तो जाना है,तुम्हारे कंधों पर अनगिनत जिम्मेदारियों का ताना-बाना है.तुम सिर्फ मेरे पति नहीं हो,बेटा हो, भाई
कुछ महीने पहले मेरी जिंदगी कुछ और ही थी. बेफ्रिक चलना, घूमना-फिरना, कुछ भी खाना. फिर यह सिलसिला थम सा
क्यों आती है शर्म तुम्हें,तुम क्यों छिपाती हो,जानने दो सबको कि हर महीनेजिस्म से तुम कितना खून बहाती हो? आने
जानने दो सबको कि हर महीने, जिस्म से तुम कितना खून बहाती हो! और देखें »
मुझे सफल खुद से ज्यादा, दूसरों के लिए होना है,जिनकी नजर में मेरी मेहनत मिट्टी का खिलौना है.वो जिन्होंने देखी