Dharm Desk: भारतीय वैदिक ज्योतिष में मंगल दोष (Mangal Dosh) को बहुत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली योग माना गया है. इसे कुंडली दोषों में सबसे चर्चित दोषों में से एक माना जाता है, खासकर विवाह से संबंधित मामलों में. आइए जानते हैं- मंगल दोष क्या होता है, यह किन कारणों से बनता है, इसके क्या प्रभाव होते हैं और इसे दूर करने के क्या उपाय हैं.
मंगल दोष क्या होता है?
जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह (Mars) 1, 2, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित होता है, तब उसे मंगल दोष (या कुज दोष / भौम दोष) कहा जाता है. मंगल ग्रह ऊर्जा, आत्मविश्वास, साहस और क्रोध का प्रतीक है. लेकिन जब यह अशुभ स्थानों पर बैठता है, तो यह व्यक्ति के स्वभाव और वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक असर डाल सकता है. ऐसे व्यक्ति को ज्योतिष में ‘मांगलिक’ (Manglik) कहा जाता है.
कुंडली में मंगल दोष किन भावों में बनता है-
प्रथम भाव (लग्न): व्यक्ति में क्रोध और अहंकार की प्रवृत्ति बढ़ जाती है.
द्वितीय भाव: पारिवारिक जीवन में तनाव और वाणी में कठोरता.
चतुर्थ भाव: मानसिक बेचैनी और गृहस्थ जीवन में अस्थिरता.
सप्तम भाव: दांपत्य जीवन में मतभेद और वैवाहिक तनाव.
अष्टम भाव: जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव.
द्वादश भाव: आर्थिक हानि और मानसिक तनाव की स्थिति.
मंगल दोष के प्रभाव
विवाह में देरी या बार-बार रिश्ते टूटने की संभावना.
पति-पत्नी के बीच झगड़े या आपसी मतभेद.
मानसिक तनाव, क्रोध और अस्थिरता.
आर्थिक नुकसान या पारिवारिक विवाद.
वैवाहिक जीवन में असंतुलन या स्वास्थ्य संबंधी समस्या.
हालांकि यह हमेशा नकारात्मक नहीं होता. अगर कुंडली में मंगल शुभ ग्रहों (जैसे गुरु, सूर्य या चंद्र) से दृष्ट या युति में हो तो इसके प्रभाव कम या समाप्त हो सकते हैं.
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मंगल दोष दूर करने के उपाय
मंगल दोष को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके दोष प्रभाव को कम किया जा सकता है. नीचे बताए गए उपाय पारंपरिक और प्रभावशाली माने जाते हैं-
मंगल शांति पूजा करें
कुंडली अनुसार मंगल दोष निवारण हेतु मंगल शांति पूजा या कुज दोष निवारण हवन कराना लाभदायक होता है.
मंगलवार का व्रत रखें
हर मंगलवार उपवास रखकर हनुमान जी की पूजा करें और लाल वस्त्र धारण करें. यह मंगल ग्रह को शांत करता है.
हनुमान चालीसा और मंगल मंत्र का जाप करें
हर दिन या मंगलवार को ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें. साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ मंगल दोष को शांत करता है.
कन्यादान या मंगलिक व्यक्ति से विवाह
ज्योतिष अनुसार, अगर मंगलिक व्यक्ति की शादी किसी अन्य मंगलिक से हो तो दोष के प्रभाव कम या समाप्त हो जाते हैं. इसके अलावा कन्यादान या शिव-पार्वती पूजा भी शुभ मानी जाती है.
रत्न धारण करें
कुंडली अनुसार विशेषज्ञ ज्योतिष से सलाह लेकर लाल मूंगा (Coral Gemstone) धारण करना शुभ रहता है. इसे चांदी या तांबे की अंगूठी में मंगलवार को पहनना चाहिए.
ध्यान और संयम रखें
मंगल दोष वाले व्यक्तियों को अपने गुस्से और व्यवहार पर नियंत्रण रखना चाहिए. ध्यान, योग और प्राणायाम करने से मन शांत रहता है.
मंगल दोष के शुभ परिणाम भी हो सकते हैं. कई बार मंगल दोष व्यक्ति को नेतृत्व क्षमता, साहस और सफलता भी देता है. खासतौर पर जब यह सही दृष्टि में हो. ऐसे लोग जीवन में आगे बढ़ने की तीव्र इच्छा रखते हैं और मेहनत से बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं.
एक तरह से देखा जाए तो मंगल दोष डरने की नहीं, समझने की बात है. सही ज्योतिषीय सलाह, पूजा, संयम और सकारात्मक जीवनशैली अपनाकर इसके प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है. मंगल दोष को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है – हनुमान भक्ति, दान-पुण्य और अपने स्वभाव में संतुलन बनाए रखना.
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.

