हमारी चाहतों का ऐसा आगाज़ होगा…

सुनो, जब दुनिया आंखें चार कर रही है,मैं अपनी तन्हाई संग तुम्हारा इंतजार कर रही हूं, महफिलों में सब उड़ाते हैं मजाक मेरा,कहते – इंतजार में न पड़ जाएं काले घेरा. मुस्कुरा देती हूं लोगों के सुनकर ताने,तुम भी मुझे ढूंढ रहे होगे बनकर दीवाने. जानती हूं कि ज़रा फिल्मी मेरी ख्वाहिशें हैं,सबको साबित करना … Continue reading हमारी चाहतों का ऐसा आगाज़ होगा…