हिंदू धर्म में जिस दिन भगवान श्रीहरि निद्रा से जागते हैं उसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की चार माह के शयन के बाद निद्रा पूर्ण हो जाती है और वह पाताल से अपने धाम लौटते हैं.

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देवउठनी एकादशी से ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी पूजन दोबारा एक साथ शुरू होती है और इसी कारण से देवउठनी एकादशी के साथ ही सभी मांगलिक कार्य शुरू होते है जैसे की विवाह तो वहीं आज हम आपको विवाह के शुभ मुहूर्त के बारे में बताने जा रहे हैं-

विवाह के शुभ मुहूर्त
25 नवम्बर 9 रेखा सावा
26 नवम्बर 8 रेखा सावा
28 नवम्बर 10 रेखा सावा
29 नवम्बर 10 रेखा सावा
2 दिसम्बर 2022 6 रेखा
7 दिसम्बर 2022 7 रेखा
8 दिसम्बर 2022 7 रेखा
9 दिसम्बर 2022 8 रेखा
14 दिसम्बर 2022 7 रेखा

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तुलसी पूजन के फायदे
कार्तिक में तुलसी-शालिग्राम की पूजन विवाह का विधान है.
पूजन करने से जन्म जन्मांतर के ज्ञात अज्ञात दोषों का समन होता है.
जीवन में आ रही बाधाओं का निराकरण होता है.
पारिवारिक सुख – शांति एवं आध्यात्मिक उन्नति होती है.
तिल्ली के तेल का दीपक लगाने से भी अज्ञात भय का नाश होता है.
साथ ही अनुकूलता और आर्थिक प्रगति प्राप्त होती है.

(Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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