Shardiya Navratri 2025 Day 2: शारदीय नवरात्रि 2025 का दूसरा दिन देवी दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. यह दिन तपस्या, आत्मसंयम और साधना की देवी की आराधना का अवसर देता है. मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से साधक को अटूट धैर्य, मानसिक शांति और जीवन की कठिनाइयों पर विजय प्राप्त होती है.
मां ब्रह्मचारिणी को तप और साधना का प्रतीक माना जाता है. उनके एक हाथ में जपमाला और दूसरे हाथ में कमंडल रहता है. उनका स्वरूप शांत, सौम्य और तेजस्वी है. यह रूप ज्ञान, संयम और वैराग्य का संदेश देता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से साधक को कठिन परिस्थितियों में भी साहस और धैर्य मिलता है.
शुभ मुहूर्त – Shardiya Navratri 2025 Day 2
तिथि: मंगलवार, 23 सितंबर 2025
पूजा का शुभ समय: प्रातः 06:15 बजे से 08:00 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: 11:46 से 12:33 बजे तक
इस शुभ मुहूर्त में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से साधक को विशेष फल प्राप्त होता है.
पूजा विधि
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें. घर और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें. मां ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा या चित्र को चौकी पर स्थापित करें. देवी को लाल या गुलाबी वस्त्र अर्पित करें. धूप, दीप, अक्षत, पुष्प, रोली और पंचामृत से विधिवत पूजा करें. मां को मिश्री और दूध का भोग लगाएं. अंत में देवी की आरती करें और मंत्रों का जाप करें.
मां ब्रह्मचारिणी मंत्र
बीज मंत्र:
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
स्तोत्र मंत्र:
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू. देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
इन मंत्रों के जाप से साधक का मन स्थिर होता है और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है.
Shardiya Navratri 2025: मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए ऐसे करें व्रत और पूजा
पूजा का महत्व
मां ब्रह्मचारिणी की उपासना का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से मन की शांति और धैर्य प्राप्त होता है. साधक को अपने लक्ष्यों में सफलता मिलती है. विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं. परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है.
शारदीय नवरात्रि 2025 के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से साधक को न केवल तपस्या और संयम का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति भी प्राप्त होती है. यह दिन साधना, भक्ति और आत्मशुद्धि का प्रतीक है.
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.