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धनतेरस 2025: नया नियम बना गेम-चेंजर! सोना खरीदते ही मिलेगा डबल रिटर्न

Dhanteras 2025: धनतेरस और दीपावली पर सोना खरीदना भारतीय परंपरा का एक अहम हिस्सा है. यह सिर्फ़ एक निवेश नहीं बल्कि समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है. हर साल इस मौके पर लाखों लोग सोने के आभूषण, सिक्के और बिस्किट खरीदते हैं लेकिन जैसे-जैसे सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं (बीते एक साल में लगभग 50% से अधिक वृद्धि), वैसे-वैसे गोल्ड की शुद्धता को लेकर भी सतर्क रहना बेहद जरूरी हो गया है.

अब सरकार ने एक ऐसा नियम लागू किया है जिससे खरीदारों को सुरक्षा कवच मिल गया है. अगर आपने हॉलमार्क वाला सोना खरीदा है और उसकी शुद्धता (purity) कम निकली, तो आपको मुआवजा (compensation) मिलेगा.

क्या है हॉलमार्किंग और क्यों जरूरी है?
हॉलमार्किंग (Hallmarking) का मतलब है – सोने की शुद्धता का सरकारी प्रमाण पत्र.
यह एक तरह का ‘क्वालिटी स्टैम्प’ होता है जो BIS (Bureau of Indian Standards) द्वारा जारी किया जाता है. भारत सरकार ने इसे चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य किया है ताकि उपभोक्ता को मिल सके शुद्ध सोना, और कोई धोखाधड़ी न हो.

चरण तारीख शामिल जिले
पहला चरण 16 जून 2021 256 जिले
दूसरा चरण 4 अप्रैल 2022 32 नए जिले
तीसरा चरण 6 सितंबर 2023 55 जिले
चौथा चरण 5 नवंबर 2024 18 जिले

अब तक कुल 361 जिलों में सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य की जा चुकी है यानी 14 नवंबर 2024 के बाद देशभर में केवल वही सोना बेचा जा सकता है, जिस पर BIS हॉलमार्क लगा हो.

हॉलमार्क के 6 जरूरी चिन्ह जिन्हें आपको जांचना चाहिए-
BIS का लोगो (BIS Mark)
शुद्धता स्तर (Purity/Fineness Mark) – जैसे 22K (916), 18K (750) या 14K (585)
Assaying & Hallmarking Centre का मार्क (AHC mark)
Jeweller का पहचान चिन्ह (Jeweller ID mark)
Year of marking (Year Code)
HUID – 6 अंकों का यूनिक कोड (Hallmark Unique Identification Number)
अब हर हॉलमार्क ज्वेलरी पर HUID नंबर अनिवार्य है.

कैसे जांचें सोने की असलियत? (Gold HUID Verification)
BIS ने उपभोक्ताओं के लिए ‘BIS Care App’ लॉन्च किया है, जो Android और iOS दोनों पर उपलब्ध है.
ऐप खोलें और ‘Verify HUID’ विकल्प चुनें.
ज्वेलरी पर लिखे HUID कोड को दर्ज करें तुरंत आपको पता चल जाएगा कि ज्वेलरी असली है या नहीं, और उसकी शुद्धता क्या है.

बिना हॉलमार्क ज्वेलरी की भी हो सकती है जांच
अगर आपके पास पुरानी या बिना हॉलमार्क की ज्वेलरी है, तो भी चिंता की बात नहीं. आप उसे BIS-मान्यता प्राप्त Assaying & Hallmarking Centre (AHC) में जांच के लिए दे सकते हैं. यहां अधिकतम 10 पीस ज्वेलरी एक साथ जांची जा सकती है. रिपोर्ट में यह भी बताया जाएगा कि ज्वेलरी ठोस है या खोखली. उसमें अन्य धातुएं तो नहीं मिली हैं.

वास्तविक सोने की मात्रा कितनी है
शुद्धता जांच की फीस कितनी है?
हर ज्वेलरी पीस की जांच का शुल्क: ₹45 प्रति पीस
न्यूनतम शुल्क (किसी भी स्थिति में): ₹200 प्रति विज़िट
रिपोर्ट आपको उसी दिन या अगले कार्य दिवस पर मिल जाती है.

अगर हॉलमार्क वाला सोना कम शुद्ध निकले तो मिलेगा मुआवजा
अब BIS के नए नियम के अनुसार, अगर आपने हॉलमार्क ज्वेलरी खरीदी है और उसकी शुद्धता (purity) निर्धारित मानक से कम निकलती है, तो ज्वेलर को उपभोक्ता को मुआवजा देना अनिवार्य होगा.

मुआवजे की राशि कैसे तय होगी?
शुद्धता में कमी के आधार पर दो गुना मूल्य तक मुआवजा मिलेगा.
इसके अलावा जांच शुल्क (testing charge) की दो गुना राशि भी वापस की जाएगी.
मुआवजा उस समय की सोने की मौजूदा कीमत (market rate) पर तय किया जाएगा.

उदाहरण के तौर पर- अगर आपने ₹60,000 प्रति 10 ग्राम के हिसाब से हॉलमार्क 22 कैरेट सोना खरीदा और बाद में उसकी शुद्धता केवल 21 कैरेट निकली, तो आपको अंतर की राशि दो गुनी भरपाई के रूप में मिलेगी.

कैसे करें शिकायत या क्लेम?
अपनी ज्वेलरी की जांच BIS मान्यता प्राप्त AHC केंद्र में कराएं.
रिपोर्ट में शुद्धता कम आने पर BIS Care App या consumerhelpline.gov.in पर शिकायत दर्ज करें.
शिकायत स्वीकार होने के बाद BIS संबंधित ज्वेलर को नोटिस भेजेगा और मुआवजा दिलवाएगा.

क्यों जरूरी है हॉलमार्क सोना खरीदना
यह सरकारी प्रमाणित सुरक्षा देता है.
नकली या मिलावटी सोने से बचाव करता है.
भविष्य में बेचने या गिरवी रखने पर सही वैल्यू मिलती है.
अब गोल्ड निवेश (Gold Investment) में भरोसे की गारंटी केवल हॉलमार्क से ही है.

इस धनतेरस अगर आप सोना खरीदने जा रहे हैं, तो याद रखें कि हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें. HUID नंबर को BIS Care App से चेक करना न भूलें.
अगर आपका सोना कम शुद्ध निकला, तो अब आपको मिलेगा मुआवजा और टेस्टिंग चार्ज का दोगुना रिफंड. इसलिए अब सोने में निवेश सिर्फ़ परंपरा नहीं, बल्कि सुरक्षित और पारदर्शी सौदा बन गया है.

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