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धनतेरस 2025: भगवान धन्वंतरि के ये 5 उपाय बदल देंगे किस्मत, दूर होंगी तमाम बीमारियां!

Dhanteras 2025: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला धनतेरस दीपावली पर्व की शुरुआत का प्रतीक है. वर्ष 2025 में यह शुभ तिथि 18 अक्टूबर, शनिवार को पड़ रही है. इस दिन भगवान धन्वंतरि, जो आयुर्वेद और आरोग्य के देवता माने जाते हैं, की पूजा विशेष रूप से की जाती है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की आराधना से न केवल धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है, बल्कि शारीरिक और मानसिक रोगों से भी मुक्ति मिलती है.

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
साल 2025 में धनतेरस की त्रयोदशी तिथि 17 अक्टूबर दोपहर 12:18 बजे से प्रारंभ होकर 18 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे तक रहेगी. पूजा का सर्वोत्तम समय प्रदोष काल रहेगा, जो शाम 6:45 से 8:00 बजे तक होगा. इस अवधि में भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा सबसे अधिक फलदायी मानी जाती है.

धनतेरस और स्वास्थ्य का गहरा संबंध
‘धनतेरस’ को ‘धनत्रयोदशी’ भी कहा जाता है, जहां ‘धन’ का अर्थ केवल पैसा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि भी है. पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसीलिए उनकी पूजा से रोगों से मुक्ति और दीर्घायु की प्राप्ति होती है. यह दिन उन लोगों के लिए विशेष लाभदायक माना जाता है जो तनाव, पुरानी बीमारियों या मानसिक अशांति से परेशान हैं.

बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए धनतेरस के सरल उपाय-

  • भगवान धन्वंतरि की विधिवत पूजा करें
    धनतेरस की शाम भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र को सफेद कपड़े से सजी चौकी पर स्थापित करें. उन्हें हल्दी, चंदन, फूल और तुलसी पत्र अर्पित करें. घी का दीपक जलाकर इस मंत्र का 21 बार जाप करें – “ॐ नमो भगवते धन्वंतरये अमृतकलशहस्ताय सर्वमायाविनाशाय त्रैलोक्यनाथाय नमः.”
    पूजन के बाद तुलसी पत्र को जल के साथ ग्रहण करें. यह आयुर्वेदिक रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
  • पीतल के बर्तन की खरीदारी करें
    धनतेरस पर पीतल का बर्तन खरीदना अत्यंत शुभ होता है क्योंकि यह भगवान धन्वंतरि की प्रिय धातु है. इस दिन एक पीतल का लोटा या थाली खरीदकर पूजा स्थल पर रखें और उसमें गंगाजल भरें. पूजा के बाद इस जल को परिवार के सभी सदस्यों को थोड़ा-थोड़ा पिलाएं. यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर स्वास्थ्य और सकारात्मकता बढ़ाता है.
  • नमक से करें शुद्धिकरण
    धनतेरस के दिन नया सेंधा नमक खरीदें. घर के मुख्य द्वार पर इसे हल्का-सा छिड़कें ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो. एक कांच की कटोरी में सेंधा नमक भरकर घर के उत्तर-पूर्व कोने में रखें. यह वास्तु दोषों को कम करता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. हर सप्ताह नमक बदलें और पुराना नमक बहते पानी में प्रवाहित करें.
  • हल्दी और तुलसी का चमत्कारी उपाय
    धनतेरस की सुबह एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी हल्दी और 5-7 तुलसी पत्ते डालकर उबालें. ठंडा होने पर इसे खाली पेट पिएं. यह पेय इम्युनिटी बढ़ाता है और सर्दी-खांसी जैसी मौसमी बीमारियों से रक्षा करता है. पूजा में भगवान धन्वंतरि को हल्दी का तिलक लगाना भी स्वास्थ्य के लिए शुभ माना जाता है.
  • दीपक जलाने का महत्व
    धनतेरस की शाम घर के मुख्य द्वार और पूजा स्थान पर 7 घी के दीपक जलाएं. यह घर की नकारात्मकता को समाप्त कर मानसिक शांति प्रदान करता है. यदि आप किसी पुरानी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो दीपक जलाते समय “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 11 बार जाप करें. इससे शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं.

धनतेरस 2025: बस एक दीपक सही दिशा में रख दिया तो छप्पर फाड़ बरसेगा धन!

धनतेरस केवल धन अर्जित करने का पर्व नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, शांति और सुख का संदेश भी देता है. भगवान धन्वंतरि की आराधना से जीवन में आरोग्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आती है. श्रद्धा और भक्ति से किए गए ये छोटे-छोटे उपाय आपकी जिंदगी में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं.

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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