बालकनी में मंदिर रखना शुभ या अशुभ, जानें क्या कहता है शास्त्र?
ghar ki balcony me mandir r

बालकनी में मंदिर रखना शुभ या अशुभ, जानें क्या कहता है शास्त्र?

Dharma News: मंदिर लगभग सभी हिंदू घरों में मौजूद होता है और लोग प्रतिदिन इसमें पूजा करते हैं. वास्तु शास्त्र में घर में मौजूद हर चीज की एक सही दिशा बताई गई है. एक तरह से देखा जाए तो घर के मंदिर के लिए भी एक विशेष दिशा होती है हालांकि कुछ लोगों के पास जगह की कमी होती है, ऐसे में लोग अपने घर के मंदिर को बालकनी में रख देते हैं लेकिन ऐसा करना कितना सही होता है, कितना गलत होता है, इसके बारे में आज आपको बताएंगे.

हिंदू शास्त्रों और वास्तुशास्त्र के अनुसार, बालकनी में मंदिर रखना आमतौर पर अशुभ माना जाता है, लेकिन यह कुछ कारकों पर निर्भर करता है. वास्तु के अनुसार, मंदिर घर के भीतर, विशेष रूप से ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में रखना सबसे शुभ माना जाता है. बालकनी में मंदिर रखने के कारण यह दिशा-संबंधी नियम टूट सकता है.

क्यों बालकनी में मंदिर रखना सही नहीं माना जाता
दरअसल, बालकनी एक खुला क्षेत्र होता है, जहां धूल, मिट्टी, और बाहरी प्रदूषण आसानी से आ सकते हैं. मंदिर को पवित्र और स्वच्छ स्थान पर रखना चाहिए, जो बालकनी में हमेशा संभव नहीं होता. बालकनी में बारिश, तेज हवा, या धूप के कारण मूर्तियों या पूजा सामग्री को नुकसान पहुंच सकता है, जो अपमानजनक माना जाता है. पूजा एक निजी और शांतिपूर्ण कार्य है. बालकनी में बाहरी शोर, लोगों की नजरें, या अन्य गतिविधियां पूजा की एकाग्रता को भंग कर सकती हैं.

भाग्यवान बना सकती हैं ये आदतें, गरीब भी बन जाते हैं अमीर!

कब बालकनी में रख सकते हैं मंदिर
जिन लोगों के पास जगह की कमी होती है, वह अपने मंदिर को बालकनी में रख सकते हैं हालांकि मंदिर को रखते हुए सही दिशा का चुनाव जरूर करना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. जिस भी घर में मंदिर होता है, वहां पर वातावरण शांत और आध्यात्मिक होता है. अगर घर के बालकनी में मंदिर रखा जाता है तो भी घर का वातावरण शुद्ध होता है.

मान लीजिए कि घर में जगह नहीं है और बालकनी में है, ऐसे में मंदिर को बालकनी में रखा जा सकता है. यह उपयुक्त माना जा सकता है. कई बार देखा जाता है कि लोगों के घर के अंदर तो जगह होती है लेकिन उसके बावजूद का मंदिर को बालकनी रखते हैं, ऐसा करने से वास्तुदोष उत्पन्न हो सकता है.

जो लोग घर में जगह होने के बावजूद मंदिर को बालकनी में रखते हैं, उससे भगवान का अपमान माना जाता है और भगवान रुष्ट हो जाते हैं. ध्यान रखें कि घर के अंदर मंदिर रखना और बालकनी में रखना, यह हर व्यक्ति के निजी विचारों पर निर्भर करता है.

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.

Scroll to Top