इन जगहों पर बच्चों को कतई न डांटें वरना…
bachchon ko na danten

इन जगहों पर बच्चों को कतई न डांटें वरना…

Parenting Tips: बच्चे कितने जिद्दी और शरारती होते हैं, इसके बारे में तो सभी जानते हैं. कई बार जब आप अपने बच्चों के साथ कहीं बाहर जाते हैं तो वह आपको परेशान करके रख देते हैं. खास करके जब आप कहीं शॉपिंग करने जाते हैं या किसी रिलेटिव के घर जाते हैं तो बच्चे जानते हैं कि उन्हें कोई कुछ नहीं कहने वाला लेकिन इसके बावजूद आप उनको डांट देते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए.

आजकल के बच्चों को डील करना काफी मुश्किल हो गया है. अगर आप चाहते हैं कि भविष्य में आपके बच्चे आत्मविश्वास से भरपूर रहें और दूसरों के बीच खुद को बेहतर दिखा सकें, इसके लिए आपको उन्हें हर किसी के सामने और हर जगह नहीं डांटना चाहिए.

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सोने के लिए न डांटें
कई बार देखा जाता है कि बच्चे जब सोने जाते हैं तो पैरेंट्स उनको डांट देते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों की नींद बेहद जरूरी मानी जाती है. यह उनके ग्रोथ में सहायता करती है. ऐसे में कभी भी बच्चों को सोने से पहले भूलकर भी नहीं डांटना चाहिए.

दोस्तों के सामने
भारतीय पेरेंट्स की एक खासियत होती है कि वह चाहते हैं कि उनका बच्चा कभी भी गलती से भी शैतानी ना करे. इसके लिए जब वह अपने फ्रेंड्स के साथ खेल रहा होता है और उससे कोई चूक हो जाती है तो पैरेंट्स से तेजी से डांटना शुरू कर देते हैं लेकिन ध्यान रहे कि बच्चा कितना ही छोटा क्यों ना हो, कभी भी उसके दोस्तों के सामने भी नहीं डांटना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे बच्चे खुद में शर्मिंदगी महसूस करने लगते हैं.

रिश्तेदार के घर पर
अगर कभी आप किसी पार्क, स्कूल या फिर मॉल घूमने जाते हैं या कभी किसी रिश्तेदार के घर जाते हैं तो वहां पर भी बच्चों को नहीं डांटना चाहिए. ऐसा करने से उनका कॉन्फिडेंस लेवल कम होने लगता है और वह अंदर ही अंदर घुटन महसूस करते हैं.

खाने के समय
अक्सर आपने देखा होगा कि जब खाने की बात आती है तो बच्चे काफी ना-नुकुर करते हैं. वह कई चीजों को खाना अवॉइड करते हैं. ऐसे में कई पैरेंट्स तो बच्चों को खाने के समय ही डांट देते हैं लेकिन अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और वह शारीरिक रूप से भी कमजोर हो सकते हैं.

उदास होने पर
जैसे कभी-कभी बड़ों का मन शांत हो जाता है, किसी से बात करने का नहीं करता है, ठीक उसी तरह बच्चे भी कई बार शांत रहना पसंद करते हैं और वह उदास भी रहते हैं. ऐसे में उन्हें अपने माता-पिता के साथ की सबसे ज्यादा जरूरत होती है लेकिन कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को खामोश और उदास देखकर उन्हें और ज्यादा डांट देते हैं. इससे उनका आत्मविश्वास कम हो जाता है.

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टीचर के सामने
जब अपने बच्चों की स्कूल में पेरेंट्स टीचर मीटिंग के लिए जाते हैं तो टीचर उनकी शिकायत करते हैं लेकिन कभी भी टीचर्स के सामने ही बच्चों को नहीं डांटना चाहिए क्योंकि टीचर्स पहले से डांट चुकी होती हैं और अगर आप भी उन्हें उनके सामने डांट देंगे तो इससे वह दूसरों से खुद को कम आंकने लगते हैं और ऐसे में बच्चों का विश्वास काफी कमजोर हो जाता है.

घर में अकेले में समझाएं
अब ऐसे में मन में आपके सवाल उठा होगा कि बच्चे अगर इन जगहों पर गलती करें तो उन्हें कब डांटना चाहिए तो बता दें कि इन जगहों पर खुलेआम बच्चों को ना डांटें. हमेशा घर में आने के बाद ही समझाएं.

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