Brahma Muhurt Upay: शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को दिन का सबसे पवित्र और शुभ समय माना गया है. मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दुर्लभ और दिव्य मुहूर्त में जागकर ईश्वर का स्मरण करता है, उसके जीवन में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है. ऐसे लोगों के घर में कभी अन्न-धन की कमी नहीं होती और उनके सभी कार्यों में बरकत रहती है. ज्योतिषविदों का कहना है कि ब्रह्म मुहूर्त में कुछ विशेष उपाय करने से माता लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है. खासतौर पर यदि ये उपाय नए साल 2026 के पहले ही दिन किए जाएं, तो पूरे वर्ष घर में देवी का वास बना रह सकता है. आइए जानें वे उपाय:
हथेलियों के दर्शन
ज्योतिषविद बताते हैं कि सुबह नींद खुलते ही सबसे पहले अपनी हथेलियों के दर्शन करना अत्यंत शुभ होता है. कहा जाता है कि हथेलियों के अग्र भाग में देवी-देवताओं का निवास होता है- अग्रभाग में लक्ष्मी, मध्यभाग में सरस्वती और मूल में गोविंद.
इसीलिए हथेलियों को निहारते हुए यह मंत्र जपना चाहिए:
‘कराग्रे वसते लक्ष्मीः, करमध्ये सरस्वती.
करमूले तु गोविन्दः, प्रभाते करदर्शनम्.’
ब्रह्म मुहूर्त में इस मंत्र के जाप से घर में लक्ष्मी का प्रवेश होता है और धन की वृद्धि मानी जाती है.
तुलसी से गंगाजल का छिड़काव
नए साल के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त में तुलसी की एक लकड़ी लें और उसके एक सिरे पर कलावा बांध दें. इसके बाद एक पात्र में गंगाजल भरें और तुलसी की लकड़ी के माध्यम से पूरे घर में हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करें. कहते हैं कि इस प्रक्रिया से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है, दुख-दरिद्रता बाहर निकल जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. जो घर इस उपाय को नियमित रूप से अपनाते हैं, वहां किसी भी प्रकार की बाधा या समस्या टिक नहीं पाती.
Budh New Year 2026 Rashifal: 2026 में बुध देंगे गजब का भाग्य! इन 3 राशियों की किस्मत छूएगी आसमान
तुलसी के पास दीपक जलाना
2026 के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त में तुलसी के पास दीपक अवश्य जलाएं. तुलसी को जल अर्पित करें और उसे कलावा चढ़ाएं. इसके बाद वहीं बैठकर माता लक्ष्मी के मंत्रों का उच्चारण करें. कहा जाता है कि यह दिव्य उपाय करने वालों पर लक्ष्मी हमेशा कृपा बनाए रखती हैं. ऐसे घरों से गरीबी दूर रहती है और सुख-शांति का वास होता है. इस उपाय के बाद किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन या धन का दान करना भी शुभ माना गया है.
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.

