Rajasthan Weather: राजस्थान में इस समय मौसम का मिजाज बिल्कुल अलग ही रंग दिखा रहा है. कुछ जिलों से जहां मानसून पूरी तरह विदा हो चुका है, वहीं कई जिलों में अभी भी हल्की बूंदाबांदी का सिलसिला जारी है. जयपुर मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार, पश्चिमी राजस्थान से मानसून की विदाई पूरी तरह हो चुकी है लेकिन पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान में बारिश का असर अभी भी बना हुआ है.
आज यानी 24 सितंबर को मौसम विभाग ने बताया कि उदयपुर में 77% और कोटा में 86% तक बारिश की संभावना है. वहीं, राजधानी जयपुर में हल्के बादल छाए रहेंगे और अधिकतम तापमान करीब 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाएगा.
पिछले 24 घंटे में पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई. सबसे ज्यादा वर्षा प्रतापगढ़ जिले में हुई, जहां 28 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई.
प्रतापगढ़ के पीपलखूंट और अरनोद में भी 2-2 मिमी वर्षा हुई. बारिश का सबसे अधिक असर उदयपुर और आसपास के इलाकों में देखने को मिला.
किन जिलों से हो चुकी है विदाई
जयपुर मौसम विज्ञान केन्द्र के आंकड़ों के अनुसार, बीकानेर, बाड़मेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, जालोर, पाली, सीकर, झुंझुनूं, नागौर, भरतपुर, दौसा, अलवर, करौली और धौलपुर सहित आधे से ज्यादा जिलों से मानसून पूरी तरह विदा हो चुका है. वहीं आज यानी 24 सितंबर को बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, झालावाड़, प्रतापगढ़ और सलूम्बर में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है.
हथिया नक्षत्र और नवरात्रि का प्रभाव
राजस्थान में मानसून भले ही थमता दिख रहा हो, लेकिन नवरात्रि पर्व के दौरान हथिया नक्षत्र के चलते बारिश की संभावना बनी रहती है. पंचांग और नक्षत्र विद्वानों के अनुसार, इस साल 27 सितंबर सुबह 10 बजकर 36 मिनट से हथिया नक्षत्र शुरू होगा, जो 11 अक्टूबर तक चलेगा. धार्मिक मान्यताओं में कहा गया है कि हथिया नक्षत्र के दौरान अच्छी-खासी बारिश होती है.
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कई जिलों में बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी
इसका सबसे अधिक असर दक्षिण राजस्थान के हिस्सों में दिखाई देगा. मौसम विभाग ने भी अनुमान जताया है कि सितंबर के अंतिम सप्ताह और अक्टूबर के पहले हफ्ते तक दक्षिणी राजस्थान के कई जिलों में बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी.
राजस्थान में मानसून की विदाई लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन हथिया नक्षत्र के चलते अभी भी कई जिलों में बारिश की संभावना बनी रहेगी. किसानों और आम जनता के लिए यह राहत की खबर है, क्योंकि इस बारिश से फसलों को फायदा होगा और मौसम भी सुहावना बनेगा.