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Healthy Moringa Chutney: सहजन की पत्तियों की चटनी बनाने की विधि और फायदे

Moringa Chutney Benefits:आजकल लोग अपने डाइट में ऐसे फूड ऑप्शन तलाश रहे हैं, जो हेल्दी भी हों और टेस्टी भी. ऐसे में मोरिंगा (सहजन) की पत्तियों से बनी चटनी एक परफेक्ट चॉइस है. इसे नेचुरल सुपरफूड चटनी भी कहा जाता है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन्स पाए जाते हैं. यह चटनी न केवल आपके खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि इम्यूनिटी बूस्ट, हड्डियों की मजबूती और एनर्जी देने में भी मदद करती है.

दक्षिण भारत में यह बेहद लोकप्रिय है और अब नॉर्थ इंडिया में भी लोग इसे अपने रेगुलर डाइट का हिस्सा बना रहे हैं. चाहे आप वेट लॉस कर रहे हों या हेल्दी डिटॉक्स डाइट फॉलो कर रहे हों, यह चटनी हर तरह से आपके लिए बेस्ट है.

मोरिंगा चटनी बनाने के लिए जरूरी सामग्री
मोरिंगा (सहजन) की पत्तियां – 1 कप
नारियल (कद्दूकस किया हुआ) – आधा कप
हरी मिर्च – 3-4
लहसुन की कलियां – 4-5
अदरक – 1 छोटा टुकड़ा
नमक – स्वादानुसार
पानी – आवश्यकतानुसार

तड़के के लिए:
तेल – 1 बड़ा चम्मच
राई – आधा चम्मच
सूखी लाल मिर्च – 2
करी पत्ता – 6-7

मोरिंगा चटनी बनाने की आसान विध
स्टेप 1: मोरिंगा पत्तियों को अच्छे से धोकर हल्के पानी में उबाल लें ताकि कड़वाहट कम हो जाए.
स्टेप 2: ठंडी पत्तियों को मिक्सर में नारियल, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक और नमक के साथ पीसकर बारीक पेस्ट बना लें.
स्टेप 3: तड़के के लिए कढ़ाई में तेल गर्म करें. उसमें राई, सूखी लाल मिर्च और करी पत्ता डालकर हल्का भूनें.
स्टेप 4: तैयार तड़का चटनी पर डालें और अच्छी तरह मिक्स करें.
स्टेप 5: हेल्दी और टेस्टी मोरिंगा चटनी तैयार है. इसे चावल, रोटी या पराठे के साथ सर्व करें.

इन टिप्स को भी करें ट्राई
हल्की खटास पसंद हो तो इमली का पेस्ट डालें. ज्यादा तीखा पसंद करने वाले हरी मिर्च की मात्रा बढ़ा लें. तड़का ज्यादा देर तक न भूनें वरना तेल का स्वाद हावी हो जाएगा. इस चटनी को फ्रिज में 2-3 दिन तक आराम से स्टोर कर सकते हैं. चाहें तो इसमें भुनी मूंगफली या तिल डालकर और भी स्वादिष्ट बना सकते हैं.

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मोरिंगा चटनी खाने के फायदे
इम्यूनिटी बूस्ट: इसमें मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स शरीर को बीमारियों से बचाते हैं.
एनर्जी और ताकत: आयरन और प्रोटीन शरीर को एनर्जी देते हैं और थकान कम करते हैं.
हड्डियों की मजबूती: कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है.
वेट मैनेजमेंट: लो-कैलोरी और हाई-न्यूट्रिएंट होने के कारण यह वेट लॉस डाइट के लिए बेस्ट है.
डिटॉक्स डाइट: शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करती है.
हेल्दी डाइजेशन: फाइबर की वजह से पाचन को बेहतर बनाती है.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई बातों, जानकारियों और सुझाव पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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