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Shardiya Navratri 2025 Day 5: मां स्कंदमाता की पूजा से मिलेगा संतान सुख और करियर में सफलता

Shardiya Navratri 2025 Day 5: शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2025) का पांचवा दिन (पंचमी तिथि) मां स्कंदमाता की उपासना के लिए समर्पित है. मां स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं, इसी कारण उन्हें यह नाम प्राप्त हुआ. वे मातृत्व, प्रेम और करुणा की प्रतीक देवी हैं.

मान्यता है कि मां स्कंदमाता की पूजा करने से भक्त को संतान सुख प्राप्त होता है, संतान की उन्नति होती है और घर-परिवार में शांति बनी रहती है.

मां स्कंदमाता कमल पुष्प पर विराजमान होती हैं, इसलिए उन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है. वे पांच भुजाओं वाली हैं. एक हाथ में कमल, दूसरे में स्कंद (कार्तिकेय) और तीसरे हाथ से भक्तों को आशीर्वाद देती हैं. उनके वाहन सिंह है, जो साहस और शक्ति का प्रतीक है. उनका तेज इतना दिव्य है कि साधक की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं.

शुभ मुहूर्त (Shardiya Navratri 2025 Day 5)
तिथि: 26 सितंबर 2025, शुक्रवार
पंचमी तिथि आरंभ: 25 सितंबर रात 10:42 बजे
पंचमी तिथि समाप्त: 26 सितंबर रात 08:55 बजे
पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय: प्रातः 06:20 बजे से 08:15 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: 11:46 बजे से 12:33 बजे तक

मां स्कंदमाता पूजा विधि
प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें.
घर और पूजा स्थल को शुद्ध करें और गंगाजल का छिड़काव करें.
मां स्कंदमाता की प्रतिमा या चित्र को कमल या पीले वस्त्र पर स्थापित करें.
मां को पीला वस्त्र, कमल के पुष्प और केले अर्पित करना शुभ माना जाता है.
मां को केले का भोग विशेष रूप से प्रिय है. इसे अवश्य अर्पित करें.
धूप, दीप, चंदन, रोली, पुष्प, फल अर्पित कर पूजा करें.
पूजा के बाद मां स्कंदमाता के मंत्र का जाप करें और आरती करें.

मां स्कंदमाता मंत्र
मूल मंत्र:
ॐ देवी स्कंदमातायै नमः॥

स्तोत्र मंत्र:
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया.
शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥

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मां स्कंदमाता पूजा का महत्व
मां स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख और संतान की रक्षा होती है. संतानहीन दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है. साधक का मन और बुद्धि शुद्ध होती है. व्यापार और करियर में नए अवसर प्राप्त होते हैं. घर-परिवार में शांति और सुख-समृद्धि का वास होता है. मां की कृपा से जीवन में आने वाली बड़ी-बड़ी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं.

व्रत और दान का महत्व
इस दिन व्रत रखने वाले भक्तों को गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए. केले, पीले वस्त्र और गुड़ का दान विशेष फलदायी माना गया है. यह दान ग्रह दोषों को शांत करता है और भाग्य की वृद्धि करता है.

इस प्रकार, शारदीय नवरात्रि 2025 के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा से साधक को संतान सुख, करियर में उन्नति और जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है.

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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