2026 Festival Calendar: साल 2026 का पूरा कैलेंडर भक्ति, त्योहारों और परंपराओं से सराबोर रहने वाला है. पूरे वर्ष में अलग अलग महीनों में ऐसे कई व्रत और पर्व आएंगे, जो न सिर्फ धार्मिक महत्व रखते हैं बल्कि परिवार और समाज को भी एक सूत्र में बाँधते हैं. मकर संक्रांति, होली, रामनवमी, अक्षय तृतीया, रथयात्रा, रक्षा बंधन, जन्माष्टमी, नवरात्रि, दिवाली से लेकर कार्तिक/मार्गशीर्ष पूर्णिमा तक हर महीने कुछ न कुछ खास रहेगा.
आइए, साल 2026 के प्रमुख व्रत-त्योहारों की महीनेवार पूरी लिस्ट विस्तार से देखते हैं, ताकि आप पहले से ही अपनी धार्मिक और पारिवारिक प्लानिंग कर सकें.
जनवरी 2026 के पर्व-त्योहार
पौष पूर्णिमा – 1 जनवरी 2026
नए साल की शुरुआत ही पौष पूर्णिमा से होगी. यह दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पूजा-पाठ के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.
मकर संक्रांति और पोंगल – 14 जनवरी 2026
इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं. उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति और दक्षिण भारत में मुख्यत: पोंगल के रूप में मनाया जाता है. तिल-गुड़, दान और स्नान का विशेष महत्व रहता है.
वसंत पंचमी – 23 जनवरी 2026
ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का दिन. स्कूल-कॉलेज, संस्थान और घरों में सरस्वती पूजा, पीले वस्त्र और पीले व्यंजनों का विशेष महत्व रहता है.
षटतिला एकादशी – 27 जनवरी 2026
इस दिन व्रत, जप और दान के साथ तिल का प्रयोग विशेष फलदायी माना जाता है. इसे पापों के क्षय और पुण्य में वृद्धि का दिन माना गया है.
फरवरी 2026 के पर्व-त्योहार
माघ पूर्णिमा स्नान – 1 फरवरी 2026
गंगा, यमुना और तीर्थस्थलों पर माघ पूर्णिमा के स्नान का बड़ा महत्व है. माघ मास में की गई पूजा, दान और स्नान अत्यंत शुभ माने जाते हैं.
महाशिवरात्रि – 15 फरवरी 2026
भगवान भोलेनाथ की आराधना का सबसे बड़ा दिन. भक्त रात्रि जागरण, व्रत, जलाभिषेक, बेलपत्र, धतूरा आदि से शिव की पूजा करते हैं.
आमलकी एकादशी – 27 फरवरी 2026
आंवले के वृक्ष की पूजा के साथ यह एकादशी धारण की जाती है. इसे विष्णु भक्ति और स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है.
मार्च 2026 के पर्व-त्योहार
होलिका दहन – 3 मार्च 2026
बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक दिन. शाम के समय होलिका दहन कर परिवार के लोग पूजा-अर्चना और परिक्रमा करते हैं.
होली (धुलंडी) – 4 मार्च 2026
रंगों का सबसे बड़ा त्योहार. मित्र, परिवार, बच्चों और समाज के साथ रंग-गुलाल, हर्ष-उल्लास और मिठाइयों से होली मनाई जाएगी.
रामनवमी – 26 मार्च 2026
भगवान श्रीराम के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाने वाला पावन पर्व. मंदिरों में विशेष रामायण पाठ, भजन-कीर्तन और शोभायात्राएं निकाली जाती हैं.
अप्रैल 2026 के त्योहार
चैत्र पूर्णिमा – 2 अप्रैल 2026
चैत्र मास की पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व है. भक्त इस दिन व्रत, स्नान और पूजा कर पुण्य अर्जित करते हैं.
हनुमान जयंती – 2 अप्रैल 2026
संकटमोचन हनुमान जी की जयंती चैत्र पूर्णिमा के दिन ही मनाई जाएगी. हनुमान चालीसा पाठ, सुंदरकांड और भंडारे का आयोजन होता है.
अक्षय तृतीया – 19 अप्रैल 2026
अत्यंत शुभ मुहूर्तों में गिनी जाने वाली तिथि. इस दिन किया गया दान, पूजा और खरीदारी (विशेषकर सोना) अक्षय फलदायी मानी जाती है.
मई 2026 के त्योहार
बुद्ध पूर्णिमा – 1 मई 2026
भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाया जाने वाला दिन. बौद्ध विहारों, मठों और तीर्थस्थलों पर विशेष कार्यक्रम और पूजा होते हैं.
वट सावित्री व्रत – 28 मई 2026
सुहागिन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए वट (बरगद) वृक्ष की पूजा कर यह व्रत रखती हैं.
निर्जला एकादशी – 31 मई 2026
वर्ष की सबसे कठिन मानी जाने वाली एकादशी, जिसमें जल तक त्यागने का नियम माना जाता है. इसे सभी एकादशियों का फल देने वाली एकादशी भी कहा जाता है.
जून 2026 के त्योहार
गंगा दशहरा – 12 जून 2026
मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का पर्व. हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज सहित कई तीर्थों में गंगा स्नान और विशेष आरती का आयोजन होता है.
वट पूर्णिमा – 19 जून 2026
वट वृक्ष की पूजा और व्रत का यह दिन मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है. वे व्रत रखकर अपने सुहाग की रक्षा की कामना करती हैं.
जुलाई 2026 के त्योहार
पुरी रथयात्रा – 16 जुलाई 2026
जगन्नाथ पुरी (ओडिशा) की प्रसिद्ध रथयात्रा का दिन. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के भव्य रथों की शोभायात्रा के दर्शन अत्यंत पुण्यकारी माने जाते हैं.
देवशयनी एकादशी (चातुर्मास आरंभ) – 25 जुलाई 2026
इस दिन से चातुर्मास की शुरुआत मानी जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और चार माह तक विशेष व्रत-उपवास, भजन-कीर्तन एवं साधना का समय रहता है.
गुरु पूर्णिमा – 29 जुलाई 2026
गुरुजनों, आचार्यों और आध्यात्मिक गुरुओं के सम्मान का दिन. शिष्य अपने गुरु के चरणों में कृतज्ञता अर्पित करते हैं.
अगस्त 2026 के त्योहार
हरियाली तीज – 15 अगस्त 2026
श्रावण मास की तीज, जिसे महिलाएं सौभाग्य, सुहाग और परिवार की खुशहाली के लिए मनाती हैं. झूले, गीत-संगीत और श्रृंगार इस दिन की विशेषता हैं.
नाग पंचमी – 17 अगस्त 2026
सर्प देवताओं की पूजा का दिन. लोग नाग देवता की आराधना कर भय से मुक्ति और परिवार की रक्षा की कामना करते हैं.
ओणम – 26 अगस्त 2026
केरल का प्रमुख त्योहार, फसल उत्सव और राजा महाबली की याद में मनाया जाने वाला पर्व. फूलों की सजावट (पुक्कलम), नृत्य और पारंपरिक भोज इसकी पहचान हैं.
रक्षा बंधन – 28 अगस्त 2026
भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार. बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं, और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं.
कजरी तीज – 31 अगस्त 2026
भाद्र मास की तीज, जिसे खासकर उत्तरी भारत में महिलाएं व्रत और पूजा के साथ मनाती हैं.
सितंबर 2026 के त्योहार
कृष्ण जन्माष्टमी – 4 सितंबर 2026
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व. आधी रात तक कीर्तन, झांकी, झूला और व्रत-पूजा के साथ यह दिन अत्यंत उल्लास से मनाया जाता है.
अजा एकादशी – 7 सितंबर 2026
विष्णु भक्ति और पापों के क्षय के लिए मानी जाने वाली महत्वपूर्ण एकादशी. व्रत, कथा और पूजा का विशेष महत्व है.
हरतालिका तीज – 14 सितंबर 2026
यह तीज विशेष रूप से शिव-पार्वती की कथा और सुहाग की दीर्घायु के लिए मनाई जाती है. महिलाएं निर्जला या कठोर व्रत रखती हैं.
गणेश चतुर्थी – 14 सितंबर 2026
विघ्नहर्ता श्री गणेश जी के आगमन का दिन. घरों और पंडालों में गणेश प्रतिमा की स्थापना, पूजा-अर्चना और उत्सव कई दिनों तक चलते हैं.
अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन – 25 सितंबर 2026
इस दिन गणेश उत्सव का समापन होता है और धूमधाम से गणेश विसर्जन किया जाता है. साथ ही अनंत भगवान की पूजा कर अनंत सूत्र धारण किया जाता है.
पितृ पक्ष आरंभ – 27 सितंबर 2026
अपने पितृ देवताओं को तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान के लिए यह काल शुरू होता है. इसे पितरों के आशीर्वाद प्राप्त करने का समय माना जाता है.
अक्टूबर 2026 के त्योहार
पितृ पक्ष समाप्त (श्राद्ध अमावस्या) – 10 अक्टूबर 2026
इस दिन अमावस्या के साथ पितृ पक्ष का समापन होता है. अंतिम श्राद्ध एवं तर्पण किए जाते हैं.
शारदीय नवरात्रि आरंभ – 11 अक्टूबर 2026
मां दुर्गा की भक्ति से भरे नौ दिनों की शुरुआत. घटस्थापना, दुर्गा पाठ, गरबा, डांडिया और व्रतों के साथ नवरात्रि मनाई जाती है.
दशहरा (विजयदशमी) – 20 अक्टूबर 2026
श्रीराम की रावण पर विजय और धर्म की अधर्म पर जीत का प्रतीक दिन. रावण दहन, शोभायात्रा और अस्त्र-शस्त्र पूजा का विशेष महत्व है.
शरद पूर्णिमा (कोजगरा) – 25 अक्टूबर 2026
चंद्रमा की पूर्ण किरणों वाला यह रात का पर्व. मान्यता है कि इस दिन चंद्र किरणों में अमृतत्व का संचार रहता है. कई स्थानों पर खीर बनाकर चांदनी में रखी जाती है.
करवा चौथ – 29 अक्टूबर 2026
सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और चांद देखकर व्रत खोलती हैं.
2026 Vrat Tyohar List: बस एक क्लिक में जानिए साल 2026 के सभी शुभ व्रत-त्योहारों की तारीख!
नवंबर 2026 के त्योहार
धनतेरस – 6 नवंबर 2026
धन, समृद्धि और आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा का दिन. इस दिन नए बर्तन, सोना-चांदी या अन्य वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है.
नरक चतुर्दशी – 7 नवंबर 2026
इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है. माना जाता है कि इस दिन स्नान-पूजन से पापों से मुक्ति मिलती है.
दीवाली (लक्ष्मी पूजा) – 8 नवंबर 2026
दीपों का महान पर्व. माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा, घरों की सजावट, दीपदान, आतिशबाजी और मिठाइयों से यह त्योहार मनाया जाता है.
गोवर्धन पूजा – 9 नवंबर 2026
भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति में यह पर्व मनाया जाता है. अन्नकूट का भोग लगाया जाता है.
भाई दूज – 10/11 नवंबर 2026
तिथि गणना के अनुसार भाई दूज 10 या 11 नवंबर को रहेगी. बहनें भाइयों के माथे पर टीका कर उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं.
दिसंबर 2026 के पर्व-त्योहार
कालभैरव जयंती – 1 दिसंबर 2026
भगवान कालभैरव की जयंती का दिन. विशेषकर शैव परंपरा के अनुयायियों के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है.
धनु संक्रांति – 16 दिसंबर 2026
सूर्य के धनु राशि में प्रवेश का संक्रांति दिन. कई स्थानों पर स्नान-दान और पूजा का महत्व रहता है.
गीता जयंती – 20 दिसंबर 2026
महाभारत के युद्धभूमि कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता उपदेश दिए जाने की तिथि. गीता पाठ, प्रवचन और सत्संग का विशेष आयोजन होता है.
पूर्णिमा (वर्ष के अंत की पूर्णिमा) – 23 दिसंबर 2026
वर्ष के अंतिम दिनों में आने वाली यह पूर्णिमा विशेष मानी जाती है. इसी पूर्णिमा के साथ साल 2026 का धार्मिक कैलेंडर भी अपने समापन की ओर बढ़ता है.
इस तरह 2026 का पूरा साल व्रत, त्योहार, पर्व और धार्मिक आयोजनों से भरा रहेगा. आप चाहे साधक हों, गृहस्थ हों या नौकरीपेशा, इस कैलेंडर की मदद से पूरे वर्ष के लिए अपने व्रत, यात्रा, पूजा-पाठ और पारिवारिक कार्यक्रमों की प्लानिंग आसानी से कर सकते हैं.

