Child Sexual Abuse Material

घर के अंदर भी नहीं देख सकते हैं ऐसे वीडियोज, अरेस्ट कर लेगी पुलिस

Trending News: आजकल हर कोई फोन का आदी हो चुका है. जब से इंटरनेट का चलन बढ़ा है, तब से हर कोई अपने फोन में ही लगा रहता है. दरअसल मोबाइल के माध्यम से कोई भी इंसान दुनिया के किसी भी कोने में पहुंच सकता है. गूगल पर जैसे ही कुछ भी टाइप किया जाता है तो फटाफट सारी जानकारी लोगों के सामने आ जाती है लेकिन आज के समय में इस आसान पहुंच का इस्तेमाल अब गलत चीजों में होने लगा है.

आपने देखा होगा कि लोग अपने घर पर मोबाइल में कुछ भी देखते रहते हैं लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिन्हें आप अपने घर के अंदर रहकर भी अपने फोन पर नहीं सर्च कर सकते हैं. वैसे तो मोबाइल सबका पर्सनल होता है लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं कि अगर आप उन्हें अपने फोन पर देख लेते हैं तो आपको आपके घर से ही पुलिस उठा कर ले जा सकती है.

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भूल कर भी आपको अपने घर के अंदर मौजूद होते हुए भी इस तरह का कंटेंट सर्च नहीं करना चाहिए वरना आपके ऊपर सख्त सजा लागू हो सकती है और पुलिस आपके ऊपर कड़ी कार्रवाई भी कर सकती है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर आप अपने ही फोन से ऐसी कौन सी चीजें हैं, जिन्हें गलती से भी नहीं देख सकते हैं तो चलिए आपको बताते हैं.

एक्सपर्ट्स की मानें तो आजकल भारत में युवा पीढ़ी पोर्नोग्राफी का शिकार हो चुकी है. तमाम ऐसे केसेस सामने आ रहे हैं, जिनमें पोर्नोग्राफी के एडिक्टेड लोगों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. वैसे तो भारत में ही पोर्नोग्राफी को देखना कोई क्राइम नहीं है लेकिन अगर कोई गलती से भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े वीडियो सर्च करता है तो उसकी मुश्किलें बढ़ जाती हैं. भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने अपराध है, यहां तक कि इससे जुड़े वीडियो को डाउनलोड भी नहीं किया जा सकता है और बनाना तो उससे भी बड़ा अपराध माना जाता है. इससे जुड़े किसी भी तरह की वीडियो देखना, बनाना या डाउनलोड करना सजा के अंतर्गत आता है.

घर बैठकर अगर कोई भी इंसान इस तरह का कंटेंट सर्च करता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. भारत में बच्चों से जुड़ी चाइल्ड पोर्नोग्राफी को देखना, डाउनलोड करना, जहां तक सर्कुलेट करने पर भी बॉक्स सेट और आईटी एक्ट के अंतर्गत आता है और उनका कार्रवाई भी की जा सकती है.

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इनफॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी एक्ट 2000 के क्षेत्र 67 के अंतर्गत अगर कोई ऐसा करता है तो तीन से पांच साल की सजा और जुर्माना भी हो सकता है. चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना एक फैसला स्पष्ट किया था. चाहे कोई भी इंसान अपनी पर्सनल चॉइस के लिए इस तरह का कंटेंट देखता है डाउनलोड करता है तो उसे भी अपराध की श्रेणी में ही गिना जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द पर भी आपत्ति जताई थी. इसके साथ ही केंद्र सरकार और बाकी अदालतों को निर्देशित किया था कि इस शब्द की जगह पर चाइल्ड सेक्शुअल एक्सप्लॉएटेटिव एंड एब्यूसिव मटेरियल शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए.

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