poem for mother

भगवान भी मां के बिना अधूरा है…..

मां… तू केवल एक शब्द नहीं,
मेरे जीवन का सबसे बड़ा अर्थ है.
तेरे बिना यह संसार अधूरा है,
तेरे बिना तो मेरी सांस भी व्यर्थ है.

तूने ही सिखाया पहला कदम चलना,
तूने ही सिखाया पहला शब्द बोलना.
तेरी ममता में छिपा है संसार सारा,
तेरी गोद में ही मिला है सुकून सारा.

रातों की नींदें खोकर तूने,
मेरे सपनों को सवारा है.
अपना सब कुछ भुलाकर तूने,
मेरा जीवन संवारा है.

तेरी आंखों में मैंने खुदा देखा है,
तेरी दुआओं में ही जीवन पाया है.
तेरे बिना मेरी हर खुशी अधूरी है,
तेरे बिना मेरी हर राह अंधेरी है.

जब मैं गिरा, तूने थामा,
जब मैं रोया, तूने चुप कराया.
तेरे बिना मेरी पहचान अधूरी है,
तेरे बिना मेरी हर कहानी अधूरी है.

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तूने भूख में भी मुझे खिलाया,
अपनी थाली मुझे परोस दी.
खुद भूखी रहकर भी तूने,
मेरे लिए हर खुशी जोड़ दी.

तेरा त्याग किसी कविता से बड़ा है,
तेरी ममता किसी नदी से गहरी है.
तेरी गोद मेरी जन्नत है मां,
तेरा आँचल ही मेरी छाया है.

तू नाराज हो जाए तो दिल घबराता है,
तेरी मुस्कान से ही जीवन मुस्कुराता है.
तेरे बिना यह घर वीरान सा लगता है,
तेरे बिना तो यह जीवन सुनसान सा लगता है.

मां, तू है तो मैं हूँ,
तू है तो मेरा जहाँ है.
तेरे बिना तो यह जीवन,
सिर्फ एक अधूरी दास्ताँ है.

तेरे चरणों में ही मेरा स्वर्ग है,
तेरे चरणों में ही मेरा धर्म है.
मां, तू भगवान से भी बढ़कर है,
क्योंकि भगवान भी मां के बिना अधूरा है.

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