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कोल्हापुर में दर्दनाक हादसा: 10 साल के बच्चे की अचानक हार्ट अटैक से मौत

Maharashtra News: महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. पन्हाला तहसील के कोडोली गांव में 10 वर्षीय श्रवण अजीत गावड़े की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई. मासूम की मौत से गांव में शोक की लहर है और परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

घटना कैसे हुई?
जानकारी के मुताबिक, श्रवण अपने साथियों के साथ घर के पास गणपति मंडल पंडाल में खेल रहा था. खेलते-खेलते उसे अचानक बेचैनी और घबराहट होने लगी. डर की स्थिति में वह दौड़कर घर पहुंचा और मां की गोद में लेट गया. कुछ ही पलों में उसने वहीं दम तोड़ दिया. परिजनों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
श्रवण अजीत गावड़े का इकलौता बेटा था. परिवार ने पहले ही चार साल पहले अपनी बेटी को खो दिया था. अब बेटे की अचानक मौत ने पूरा परिवार तोड़कर रख दिया. पिता अजीत गावड़े और मां का रो-रोकर बुरा हाल है. रिश्तेदार और गांव वाले परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे लेकिन हर किसी की आंखें नम थीं. श्रवण का चंचल स्वभाव और मासूमियत गांव के हर व्यक्ति को याद आ रही है. चाचा गजानन गावड़े ने कहाकि श्रवण बहुत ही मिलनसार और एक्टिव बच्चा था. इतनी जल्दी उसका जाना हमारे लिए असहनीय है.

बच्चों में हार्ट अटैक को लेकर क्या कहते हैं हेल्थ एक्टपर्ट्स
आमतौर पर हार्ट अटैक बुजुर्गों और युवाओं में देखा जाता है लेकिन हाल के वर्षों में बच्चों में भी अचानक कार्डियक अरेस्ट (Sudden Cardiac Arrest) के मामले सामने आ रहे हैं.
संभावित कारण: जन्मजात हृदय रोग, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, संक्रमण, तनाव या अचानक अत्यधिक थकान.
लक्षण: अचानक बेचैनी, सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना.
सावधानी: बच्चों की नियमित हेल्थ चेकअप कराना, असामान्य लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना.

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गांव में शोक की लहर
कोडोली और आसपास के गांव में यह खबर फैलते ही हर कोई स्तब्ध रह गया. गांव वालों ने परिवार को सांत्वना दी और मासूम की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. गणपति उत्सव की रौनक इस घटना के बाद मातम में बदल गई.

10 साल के मासूम श्रवण की अचानक मौत ने सबको झकझोर दिया है. यह घटना बताती है कि अब हार्ट डिजीज केवल बड़े-बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि बच्चों में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं. समय पर जांच, सतर्कता और सही इलाज ही ऐसे हादसों को रोकने का उपाय हो सकता है.

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