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Shardiya Navratri 2025 Day 9: महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा क्यों है खास? जानिए विधि, मुहूर्त और महत्व

Shardiya Navratri 2025 Day 9: शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2025) का नौवां दिन महानवमी (Mahanavami) के रूप में मनाया जाता है. इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है.मां सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की दात्री हैं.

पुराणों के अनुसार, मां सिद्धिदात्री ने भगवान शिव को सभी सिद्धियां प्रदान की थीं. तभी से शिव को अर्धनारीश्वर के रूप में भी जाना गया. इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं, कन्या पूजन करते हैं और मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना करके जीवन में सुख, शांति और सिद्धियों की प्राप्ति करते हैं.

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप
मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली देवी हैं. इनके हाथों में चक्र, गदा, शंख और कमल विराजमान हैं. मां कमल के आसन पर विराजमान होती हैं और सिंह वाहन पर सवार होती हैं. इनके स्वरूप से दिव्य आभा और शक्तिशाली तेज प्रकट होता है. मां सिद्धिदात्री को सभी प्रकार की सिद्धियों और दिव्य शक्तियों की देवी माना गया है.

शुभ मुहूर्त (Shardiya Navratri 2025 Navami)
तिथि: 30 सितंबर 2025, मंगलवार
नवमी तिथि आरंभ: 29 सितंबर शाम 02:10 बजे
नवमी तिथि समाप्त: 30 सितंबर रात 11:40 बजे
पूजन का श्रेष्ठ समय: सुबह 07:10 बजे से 09:00 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: 11:46 बजे से 12:33 बजे तक

मां सिद्धिदात्री पूजा विधि
प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें. पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें. मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. मां को लाल और पीले पुष्प, चंदन, अक्षत, धूप-दीप, फल और मिठाई अर्पित करें. मां को नारियल, हलवा, पूड़ी, चने और पान-सुपारी का भोग चढ़ाएं. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और मां सिद्धिदात्री की आरती गाएं. कन्या पूजन करें और उन्हें वस्त्र, भोजन और दक्षिणा दें.

मां सिद्धिदात्री मंत्र
मूल मंत्र:
ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥

स्तोत्र मंत्र:
सिद्धगंधर्वयक्षाघैरसुरैरमरैरपि.
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

मां सिद्धिदात्री द्वारा प्रदान की जाने वाली सिद्धियां

पुराणों के अनुसार मां सिद्धिदात्री के आशीर्वाद से 8 प्रमुख सिद्धियां प्राप्त होती हैं-

अणिमा सिद्धि – सूक्ष्म से सूक्ष्म रूप धारण करने की शक्ति.

महिमा सिद्धि – विशाल रूप धारण करने की शक्ति.

गरिमा सिद्धि – भारी से भारी बनने की क्षमता.

लघिमा सिद्धि – हल्के से हल्का होने की क्षमता.

प्राप्ति सिद्धि – किसी भी वस्तु को प्राप्त करने की शक्ति.

प्राकाम्य सिद्धि – इच्छानुसार कार्य करने की क्षमता.

ईशित्व सिद्धि – सब पर नियंत्रण रखने की शक्ति.

वशित्व सिद्धि – दूसरों को वश में करने की शक्ति.

मां सिद्धिदात्री इन सिद्धियों को अपने भक्तों पर कृपा स्वरूप प्रदान करती हैं.

मां सिद्धिदात्री पूजा का महत्व

मां सिद्धिदात्री की पूजा से सभी प्रकार की सिद्धियों और शक्तियों की प्राप्ति होती है.

जीवन में धन, सुख और समृद्धि का संचार होता है.

वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं.

साधक की आध्यात्मिक और भौतिक दोनों उन्नति होती है.

भक्त को आत्मविश्वास, साहस और स्थिरता प्राप्त होती है.

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महानवमी पर व्रत और कन्या पूजन
महानवमी पर उपवास रखना अत्यंत शुभ माना गया है.
इस दिन कन्या पूजन और कन्या भोज अनिवार्य है.
नौ छोटी कन्याओं और एक बालक (भैरव स्वरूप) को भोजन कराना विशेष फलदायी है.
कन्याओं को भोजन कराने के साथ-साथ वस्त्र और दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें.
इस दिन गरीब और जरूरतमंदों को दान देना पुण्यकारी है.

शारदीय नवरात्रि 2025 का नौवां दिन यानी महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा से भक्त को सिद्धियां, समृद्धि और ईश्वरीय आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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