Rajasthan Weather: राजस्थान में एक बार फिर मौसम का रुख बदलने की संभावना जताई जा रही है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के जयपुर केंद्र ने ताजा पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया है कि दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में आगामी दिनों में बारिश और गरज-चमक के साथ मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा. विभाग के अनुसार, 26 से 28 अक्टूबर के बीच कोटा और उदयपुर संभाग के कुछ हिस्सों में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं.
पश्चिमी विक्षोभ का असर बढ़ेगा
IMD का कहना है कि इस बदलाव के पीछे पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव प्रमुख कारण है, जो उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सक्रिय हो रहा है. इसके चलते आने वाले दिनों में दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में बेमौसम बारिश दर्ज की जा सकती है. बारिश के साथ-साथ दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी और सर्दी का असर धीरे-धीरे बढ़ेगा. आने वाले दिनों में प्रदेश के कई क्षेत्रों में बादल छाए रहने और रात के तापमान में कमी की संभावना भी जताई गई है.
शेखावाटी में बढ़ी ठंड, सुबह-शाम सिहरन
प्रदेश के शेखावाटी इलाके में मौसम में परिवर्तन पहले ही दिखने लगा है. सीकर, पिलानी और चूरू जैसे शहरों में रात का तापमान गिरा है, जिससे सुबह और देर शाम के समय ठंडी हवाओं का एहसास बढ़ गया है. इससे संकेत मिलता है कि प्रदेश में गुलाबी सर्दी ने दस्तक दे दी है.
बाकी इलाकों में रहेगा शुष्क मौसम
प्रदेश के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में मौसम फिलहाल मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है. IMD ने बताया कि यह बदलाव मुख्यतः दक्षिण-पूर्वी राजस्थान तक सीमित रहेगा. यह अपडेट किसानों, पर्यटकों और आम जनता के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि त्योहारी सीजन के बीच मौसम में इस तरह के उतार-चढ़ाव का असर यात्रा और फसलों दोनों पर पड़ सकता है. मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और बिजली-गर्जन के समय खुले स्थानों से बचने की सलाह दी है.
किन जिलों में बरसेगा पानी
IMD के अनुसार, कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में मौसम सक्रिय रहेगा. कोटा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, राजसमंद और प्रतापगढ़ में 26 से 28 अक्टूबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश, मेघगर्जन और आकाशीय बिजली की संभावना जताई गई है. कुछ इलाकों में 20 से 50 मिमी तक वर्षा दर्ज हो सकती है.
किसानों के लिए राहत, लेकिन सावधानी जरूरी
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह बारिश खेती-किसानी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, खासकर रबी फसलों की बुवाई से पहले मिट्टी की नमी बढ़ाने में मदद करेगी. कुछ निचले इलाकों में जलभराव या अचानक बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. इसलिए, किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसल और कृषि उपकरण सुरक्षित स्थान पर रखें और मौसम के अपडेट पर लगातार नजर बनाए रखें.
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सर्दी की दस्तक
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव उत्तर भारत में सक्रिय हो रहे नए पश्चिमी विक्षोभ का परिणाम है. इससे आने वाले दिनों में सर्दी की शुरुआत और तेज होगी. फिलहाल प्रदेश के कई इलाकों में सुबह और रात के समय तापमान में गिरावट के साथ ठंडी हवाएं महसूस की जा रही हैं.
दूसरी ओर, जैसलमेर, जोधपुर और बीकानेर जैसे पश्चिमी जिलों में अभी भी दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया है. इन क्षेत्रों में शुक्रवार को हल्की गर्मी में बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले हफ्ते तक यहां भी ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ेगा.









