Crime News: वह बच्चों से इस तरह पेश आता था कि मानो उसे बच्चों से बहुत लगाव है. अक्सर साइकिल से चलकर आता तो उसकी साइकिल के हैंडल में झूला तांगा होता था, जिसमें ढेर सारी टॉफियां, चॉकलेट मौजूद होते थे. वह बच्चों को अपने पास बुलाता. उन्हें ट्रॉफी देकर अपने साथ ले जाता लेकिन इसके बाद वह जो हरकत करता, वह सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. पहले बच्चों से प्यार से पेश आकर और फिर उन्हें ट्रॉफी देकर मौत के घाट उतारने वाले दरबारा सिंह की कहानी को जो कोई भी सुनता है, उसका मन घृणा से भर जाता है.
दरबारा सिंह को ‘बेबी किलर’ के नाम से भी जाना जाता है. उसने एक नहीं, दो नहीं बल्कि 17 मासूम बच्चों को पहले अपने प्यार के जाल में फंसाया. उन्हें ट्रॉफी देकर किनारे पर ले गया. फिर रेप करके उनका मर्डर कर डाला. यह शख्स इतना अधिक घिनौना है कि इसके परिवार ने भी इसकी मौत के बाद शव को लेने से मना कर दिया था. ये खौफनाक मामला करीब 21 साल पहले का है. यहां पर पंजाब के अमृतसर के विकास में साल 1952 में दरबार सिंह का जन्म हुआ था. उसने पढ़ाई लिखाई की और साल 1975 में भारतीय वायुसेना में भर्ती हो गया. उसकी पोस्टिंग पठानकोट के एयर फोर्स स्टेशन में हुई. समय गुजरा और कुछ सालों के बाद उसके ऊपर एक मेजर के घर पर हैंड ग्रेनेड फेंकने का गंभीर आरोप लगा हालांकि बाद में उसे इस मामले में बरी कर दिया गया.
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साल 1996 में दरबार सिंह का नाम पहली बार सामने आया. यह मामला था कपूरथला में एक बच्ची के साथ रेप के बाद उसकी हत्या को अंजाम देने का. इसके बाद साल 1997 में तीन और रेप और मर्डर के साथ मामले सामने आए, जो की दरबारा सिंह के ही थे. इसके बाद कोर्ट ने उसे 30 साल की सजा सुनाई. कई साल जेल में बिताने के बाद 2003 में इसके कुछ अच्छे कामों को देखते हुए अदालत ने रिहा कर दिया. जेल में रहते हुए दरबार सिंह ने शायद ठान लिया था कि वह जिस वजह से जेल गया, उसका बदला लेकर रहेगा. जेल में रहते हुए ही उसने शायद बदला लेने का प्लान बना लिया था.
साल 2004 की बात है, जब 25 अक्टूबर के दिन वह साइकिल पर फेरी लगा रहा था. उसके पास टॉफियों से भरा बैग था और गली-गली में घूम रहा था. सबसे पहले उसकी नजर 6 साल की मासूम बच्ची पर पड़ी और वह उसे अपने साथ दूर ले गया. शाम तक जब पुलिस को बच्ची का पता नहीं चला और ना ही दरबारा सिंह का, तो तलाश शुरू की गई.
साल 2005 तक गायब होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ती गई और यह संख्या लगभग 17 हो गई. काफी छानबीन के बाद पुलिस को दरबार सिंह के खिलाफ कई सबूत मिल गए और उसे अरेस्ट कर लिया गया. 1 साल में उसने लगभग 17 बच्चों को रेप के बाद मार डाला. इसी वजह से लोग उसे बेबी किलर के नाम से जाने लगे और खौफ खाने लगे थे. जब दरबारा सिंह को अरेस्ट किया गया तो उसने पुलिस को हैरान कर देने वाली बात बताइए. उसने कहा कि वह साइकिल से आता था और बच्चों को टॉफियां देता था. जब बच्चे टॉफियां देने के नाम पर उसके साथ चलने को तैयार हो जाते तो वह उन्हें साथ ले जाकर उनके साथ गलत काम करता और फिर उन्हें मार डालता.
दरबारा सिंह ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि वह मरे हुए बच्चों को खडूर साहिब में एक रैया भी जगह पर दफनाया करता था. पुलिस को यहां से लगभग 15 लड़कियों दो लड़कों की हड्डियां मिली. बच्चों के लिए दरबारा सिंह ने अपने घिनौने कुकर्म के लिए 7 जनवरी 2008 को मौत की सजा मिली हालांकि साल 2009 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया और फिर पटियाला की सेंट्रल जेल भेज दिया. यहां उसे उम्र कैद की सजा मिली.
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जेल में रहते हुए दरबारा सिंह कई बार बीमार पड़ा और फिर साल 2018 में उसे एक सरकारी अस्पताल में एडमिट भी करवाया गया, जहां पर उसकी मौत हो गई बताया जाता है कि बेबी कलर दरबार सिंह की एक बेटी और पत्नी भी थे. दरबारा सिंह की जब मौत हो गई तो उसके परिवार ने ही उसके शव को लेने से मना कर दिया. कई दिनों तक की उसका शव लावारिस अस्पताल में पड़ा रहा. बाद में जेल की तरफ से ही अंतिम संस्कार करवाया. आज भी पंजाब में लोग ‘बेबी किलर’ का नाम सुनते ही खौफ में आ जाते हैं, उन्हें अपने बच्चों की चिंता सताने लगती है.