Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: यह बात तो आप जानते ही हैं कि जैसी करनी, वैसी भरनी यानी कि इंसान को उसके कर्मों का फल जरूर मिलता है और यह बात गरुड़ पुराण में कही गई है. सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण की काफी महत्ता है. यह हिंदुओं का एक ऐसा ग्रंथ है, जिसे ना केवल महापुराण की संज्ञा दी गई है बल्कि इसी गरुड़ पुराण में लोगों के पाप-पुण्य, स्वर्ग-नरक के साथ-साथ अच्छे बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखा गया है.
गरुड़ पुराण में साफ-साफ बताया गया है कि इंसान अपनी जिंदगी में जो भी, जैसे भी कर्म करता है, उसे उसका परिणाम जरूर भोगना पड़ता है. अगर वह अच्छे कर्म करता है तो उसको उसके अच्छे परिणाम मिलते हैं लेकिन अगर वह बुरे कर्म करता है तो मरने के बाद उसे नरक मिलता है और नरक में उसे ऐसी-ऐसी यातनाएं दी जाती हैं, जिसे जानने के बाद उसकी आत्मा तक तड़प उठती है.
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हिंदुओं के गरुड़ पुराण के अधिपति भगवान विष्णु माने जाते हैं. एक बार पक्षीराज ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की और पूछा- हे भगवान इंसान की मौत के बाद उसकी आत्मा अपने किए हुए कर्मों को नरक में दंड के तौर पर भोगती है तो उसे कैसी सजा मिलती है और उसका अगला जन्म कैसा होता है. इसके बारे में मुझे बताएं. पक्षीराज गरुड़ के इस सवाल का जवाब देते हुए भगवान विष्णु ने कहा- बुरे इंसानों की मौत के बाद उसकी आत्मा को नरक में भेजा जाता है. यहां पर उसके पाप कर्मों के अनुसार ही उसको सजा दी जाती है. जब उसके नए जन्म का समय आता है तो भी वह उसे उसके पुराने कर्मों के आधार पर ही मिलता है. चलिए आपको बताते हैं कि किस तरह के इंसानों को नरक में कैसी कैसे सजाएं मिलती हैं और उसे नया जन्म किस आधार पर मिलता है?
निर्दोंष जीवों की हत्या
सनातन धर्म में निर्दोष जीवों की हत्या को महापाप माना जाता है. ऐसे में जो इंसान अपने स्वार्थ के लिए बेजुबान पशु-पक्षियों की हत्या करते हैं या फिर उन्हें किसी भी तरह से सताते हैं, ऐसे मनुष्यों की आत्मा को नरक में गर्म तेल में कढ़ाई में डालकर तला जाता है और इसके बाद इनका जो नया जन्म होता है, वह चांडाल के रूप में होता है.
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धोखाधड़ी-चोरी की सजा
गरुड़ पुराण के मुताबिक, कुछ लोग दूसरों के हक को मारकर, उनके पैसे लूट कर, धोखाधड़ी करके या फिर चोरी-चमारी करके अपने शौक को पूरा करते हैं, ऐसे लोगों को मौत के बाद यमराज के दूत रस्सी से बांधकर जमकर पीटते हैं और उन्हें पीटते हुए नरक में ले जाते हैं. उन्हें तब तक पीटा जाता है जब तक भी बेहोश नहीं हो जाते हैं. ऐसे पापियों का नया जन्म गिद्ध, सांप, गधा, कोंच योनि में माना जाता है.
बड़े-बुजुर्गों के अपमान की सजा
गरुड़ पुराण में सबसे ज्यादा खतरनाक सजा उस इंसान को दी गई है, जो कि मनुष्य रूप में रहते हुए बड़े बुजुर्गों का अपमान करते हैं या फिर उन्हें घर से बाहर का रास्ता दिखाते हैं. भगवान विष्णु पक्षीराज गरुड़ को बताते हैं कि ऐसे बुरे पापियों को नरक की आग में तब तक डुबोया जाता है, जब तक उनकी खाल शरीर न छोड़ दे.
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महिलाओं के साथ गलत करने वालों की सजा
महिलाओं के साथ शोषण करने वाले, धोखा देने वाले, दुष्कर्म या गर्भपात जैसी बुरी हरकतें करने वालों को गरुड़ पुराण में बहुत ही ज्यादा कठोर सजा दी जाती है. ऐसे लोगों को मल मूत्र से भरे कुएं में डाल दिया जाता है. उनका नया जब नपुंसक के रूप में होता है.
(Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.)