हां, मुझे अपने हाथों से मोहब्बत है

हां, मुझे अपने हाथों से मोहब्बत है,
लिखी जिनमें मेरी किस्मत है.

कभी पापा ने पकड़ चलना सिखाया था,
कभी मां ने मुझे लिखना सिखाया था.

इन्हीं से मैंने अपना चेहरा छिपाया था,
वो टीचर की डांट ने जब मुझे रुलाया था.

आंसू पोंछने के लिए मेरे तब कोई,
आगे और नहीं आया था.

लिखनी इन्हीं के दम पर मुझे अपनी सफलता की कहानी है,
अभी तो इनमें उसके नाम की मेहंदी भी लगानी है.

थामे जो इन्हें दिलकश शिद्दत से
उस शख्स का मुझे इंतजार है,
हां, मुझे अपने हाथों से बहुत प्यार है.

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