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ये हैं आपकी कुंडली के सबसे खतरनाक दोष, न हो उपाय तो बर्बाद हो जाती है ज़िंदगी

किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसकी कुंडली विशेष महत्व रखती है. जन्म की तारीख, जन्मस्थान और जन्म के समय के आधार पर ग्रह नक्षत्रों की गणना होती है, जिससे कुंडली में मौजूद गुण-दोषों के बारे में पता चलता है. ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में मौजूद दोष जीवन की बहुत सी चीजें तय करते हैं. कठिन मेहनत के बाद भी परिणाम सकारात्मक ना मिले, तो हो सकता है कि कुंडली में मौजूद कोई दोष ही आपके बनते हुए कामों को बिगाड़ रहें हो.

पितृ दोष
जिस व्यक्ति के पितृ प्रसन्न नहीं होते हैं, उनकी कुंडली में पितृ दोष का निर्माण होता है. पितरों का श्राद्ध ना करना, पूजा-पाठ नहीं करने से ये दोष हावी होता है. व्यक्ति के जीवन में तमाम तरह की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है. इस दोष की वजह से जीवन में विकास रुक जाता है. ऐसे व्यक्तियों की या तो नौकरी लगती नहीं है या लगती है तो बहुत ही कम वेतन वाली लगती है. ऐसे व्यक्तियों की धन हानि होने लगती है.

पितृ दोष निवारण के ज्योतिषीय उपाय
रोजाना कौवे, पक्षियों को खाना खिलाएं. काशी और गया अवश्य जाएं और वहां अपने दिवंगत पूर्वजों का तर्पण करें. पूरे विधि विधान के साथ किसी विद्वान ज्योतिषी से पितृ दोष निवारण पूजा कराएं. अमावस्या के दिन सफेद गाय को सुबह हरी घास चढ़ाएं और उनका आशीर्वाद लें. ऐसा करने से आपको पितृदोष की समस्या का समाधान प्राप्त होगा.

गुरु चांडाल दोष
सबसे बड़े नकारात्मक दोषों में से एक दोष ‘गुरु-चांडाल’ दोष है. अगर कुंडली में राहु बृहस्पति एक साथ हो तो यह दोष बनता है. कुंडली में कहीं भी यह दोष हमेशा नुकसान ही करता है. अगर यह लग्न, पंचम या नवम भाव में हो तो विशेष नकारात्मक होता है. गुरु-चांडाल दोष का समय पर उपाय ना किया जाए तो तमाम शुभ योग भंग हो जाते हैं.
इस योग के होने से व्यक्ति को पाचन तंत्र और गंभीर रोग होने की सम्भावना बनती है. ऐसे व्यक्ति फिजूलखर्ची में या इधर-उधर धन खर्च कर देते हैं. अपने भविष्य के बारे में ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं.

गुरु चांडाल दोष निवारण के ज्योतिषीय उपाय
गायत्री मंत्र का जाप करें. प्रतिदिन सुबह और शाम के समय 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें. भगवान विष्णु की उपासना करें और बृहस्पति ग्रह की प्रत्येक गुरुवार पूजा करें.
गुरुवार के दिन गायों को और जरूरतमंद लोगों को चना दाल और गुड़ का दान करें.
चांडाल दोष पूजा कराएं.
प्रतिदिन 108 बार ‘ॐ गुरुवे नमः’ मंत्र का जाप करें.
‘ॐ राहवे नमः’ मंत्र का 108 बार प्रतिदिन जाप करें.

(Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं के अनुसार हैं. Readmeloud इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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