हां, तुम्हारी फिक्र करना,
रोज तुम्हें परेशान करना,
तुम्हारी खुशियों में खुश हो जाना,
रात को सबसे छुपकर तुमसे बात करना,
अपनी यादों में बस तुम्हें याद करना.
मुझे ये सब अच्छा लगने लगा है,
हां, मुझे तुमसे प्यार होने लगा है….
यूं तेरी छोटी-छोटी बातों पर हंसना,
यूं तुझसे रूठना,
मुझे ये सब अच्छा लगने लगा है,
हां, मुझे तुमसे प्यार होने लगा है….
वो तेरी मुस्कान को देखकर दिल को सुकून मिलना,
वो पल-पल तेरी बातों को याद करना,
मुझे ये सब अच्छा लगने लगा है,
हां, मुझे तुमसे प्यार होने लगा है….
वो तेरा डांटना, वो मेरा रोना,
वो तेरा मनाना, वो मेरा न मानना,
वो तेरा मुझे हंसाना, मनाना,
मुझे ये सब अच्छा लगने लगा है,
हां, मुझे तुमसे प्यार होने लगा है….
वो तुझे देखकर ड्रामा करना,
वो तुझसे अपनी छओटी-छोटी जिद पूरी कराना,
मुझे ये सब अच्छा लगने लगा है,
हां, मुझे तुमसे प्यार होने लगा है….
झल्ला ‘आनंद’