Suhagrat Reality: सुहागरात का नाम सुनते ही कई लोग शर्म से लाल हो जाते हैं तो कुछ लोगों की आंखों में खुशी की चमक आ जाती है. भारत में सुहागरात और विदेशों में हनीमून एक बेहद ही पॉपुलर शब्द है. यह बात तो आप जानते ही होंगे कि हमारी भारतीय शादियों में कई तरह की रस्में निभाई जाती हैं और हर रस्म के पीछे कोई ना कोई परंपरा या फिर कहानी तो जरूर ही है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि शादी के बाद पहली रात को सुहागरात क्यों कहा जाता है.
जी हां, सुहागरात आज तक सारे लोग मनाते तो चले आए होंगे लेकिन किसी को भी इस शब्द का के मायने नहीं पता हैं. आप जब यह शब्द बोलते हैं तो आपको समझ में आएगा कि यह दो शब्दों से मिलकर बना है- सुहाग और रात लेकिन शादी के बाद की ही पहली रात को सुहागरात कहा क्यों जाता है? इसके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर इस शब्द के मायने क्या होते हैं.
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पहली वजह तो यह बताई जाती है कि जब एक लड़की की शादी हो जाती है तो वह कुंवारी से सुहागन हो जाती है और यह उसकी सुहागन होने के बाद पहली रात होती है, इसलिए विवाह के बाद पहली रात को उसकी सुहागरात कहा जाता है. सुहागरात ना सिर्फ लड़की के लिए बल्कि दोनों के लिए ही शादी के बाद की पहली रात मानी जाती है., जब दोनों एक-दूसरे को क्वालिटी टाइम पहली बार देते हैं. दूल्हा दुल्हन इस रात को ही एक-दूसरे को ठीक से समझते हैं, बातें करते हैं और अपनी-अपनी विचार धारा प्रकट करते हैं.
शादी की ही है एक रस्म
माना जाता है कि जब दो अजनबी लोग शादी के बाद पहली बार एक साथ रात गुजारते हैं तो उस रात को सुहागरात माना जाता है. खास बात तो यह है कि सुहागरात शादी की ही रस्मों में से एक मानी जाती है. शादी के बाद जब भी कोई नया जोड़ा पहली रात गुजारता है तो उसे सुहागरात ही कहा जाता है.
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ना करें यह गलतियां
कई बार दूल्हा-दुल्हन में से कोई ना कोई एक ऐसी गलती कर देता है, जिसे उन्हें नहीं करना चाहिए. सुहागरात बेहद स्पेशल समय होता है, इसे कभी भी खराब नहीं करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि बातों-बातों में कई बार लड़के-लड़कियां एक दूसरे को अपने अतीत के अफेयर तक के बारे में बता देते हैं, जो कि पूरी तरह से गलत होता है. कभी भी इस खास रात में दूल्हे या फिर दुल्हन को अपने एक्स के बारे में बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि जो समय गुजर जाता है उसे भूल कर और अपने पार्टनर के साथ जिससे उनकी शादी हुई है, उसके साथ अच्छे से बेहतर जिंदगी जीने की कोशिश करनी चाहिए.
परिवार के बारे में न करें बातें
सुहागरात पर कभी भी दूल्हा-दुल्हन को अपनी अपनी फैमिली के सदस्यों के बारे में बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि बातों बातों में वह किसी न किसी सदस्य की बुराई कर देते हैं और फिर बाद में उसका बुरा इंप्रेशन पड़ता है. सुहागरात पर कभी भी लड़का-लड़की को एक दूसरे के साथ संबंध बनाने के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे सामने वाले पर बुरा इंप्रेशन पड़ता है. शादी वाली रात को रोमांस की शुरुआत प्यार से और धीमे से करनी चाहिए.