Sweet Potato Cultivation: भारत में तरह-तरह की फसलें उगाई जाती हैं. ज्यादातर यहां के किसान पारंपरिक फसलों की खेती करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब से किसानों का ध्यान मुनाफा देने वाली फसलों की तरफ ज्यादा बढ़ रहा है. इनमें से शकरकंद की खेती भी आती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि केवल 130 दिनों में तैयार होने वाली शकरकंद की खेती आपको महीनों में ही मालामाल कर सकती है. इस फसल की खेती अगर आप करते हैं तो आप कुछ ही दिनों में लाखों का मुनाफा कमाएंगे. आजकल उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में किसान तेजी से शकरकंद की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
खेती के लिए ऐसी होनी चाहिए मिट्टी
शकरकंद की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे ज्यादा अच्छी मानी जाती है. यह कठोर, पथरीली और जलभराव वाली जमीनों पर नहीं उगाई जाती है. अगर ऐसी जगह पर इसको उगाया जाए तो इससे आपका नुकसान भी हो सकता है. ध्यान रहे कि जिस भी जगह पर शकरकंद की खेती की जाए, वहां पर उसका पीएच मान 5.8 से 6.8 के बीच ही होना चाहिए.
शकरकंद की खेती के लिए बेहतर मौसम
वैसे तो शकरकंद की खेती तीनों मौसमों में की जा सकती है लेकिन बारिश में इसकी खेती सबसे ज्यादा फलदाई मानी जाती है. दरअसल इस मौसम में शकरकंद की पौधे अच्छी तरह से विकास करते हैं. शकरकंद के पौधों की बढ़ोतरी के लिए 25 से 34 डिग्री का तापमान बेहतर माना जाता है.
कैसे करते हैं शकरकंद की खेती
शकरकंद के पौधों की रोपाई नर्सरी में जो कटिंग तैयार की जाती है, उससे खेती की जाती है. इसके लिए करीब 1 महीने पहले ही पौधों को तैयार किया जाता है. सबसे पहले नर्सरी में बीजों को लगाकर शकरकंद की बेलों को तैयार किया जाता है. इसके बाद खेतों में इनकी रोपाई की जाती है.
शकरकंद की खेती से कितना होता है मुनाफा
शकरकंद की खेती से अगर मुनाफे की बात की जाए तो रोपाई के केवल 120 से 130 दिनों में ही इसके पौधे तैयार हो जाते हैं. इसके बाद जब पौधों पर पीले रंग की पत्तियां नजर आने लगे तो इसकी कंदों की खुदाई की जाती है. अनुमान के अनुसार, एक हेक्टेयर में अगर शकरकंद की खेती की जाती है तो 25 टन तक की पैदावार हासिल हो सकती है. वहीं, अगर बाजार में भी इसे ₹10 प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाए तो भी सवा लाख रुपये तक का मुनाफा बड़े ही आराम से हो सकता है.