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बारिश की बूंदों से हीरे की तरह चमक उठता है ‘राजस्थान का ताजमहल’! भूल जाएंगे आगरा का ताज

Taj Mahal of Rajasthan: राजस्थान अपनी भव्य हवेलियों, किलों और महलों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. हर शहर की अपनी अलग पहचान है. इन्हीं में से एक है जोधपुर, जिसे नीला शहर भी कहा जाता है. यह शहर न सिर्फ अपनी नीली बस्तियों के लिए मशहूर है बल्कि यहां स्थित जसवंत थाड़ा को लोग ‘मेवाड़ का ताजमहल’ और ‘राजस्थान का ताजमहल’ भी कहते हैं. झीलों और हरियाली से घिरा यह स्मारक हर उस पर्यटक का दिल जीत लेता है, जो जोधपुर घूमने आता है.

बरसात के मौसम में ‘राजस्थान का ताजमहल’ की फिज़ा कुछ और ही हो जाती है. ठंडी हवाएं संगमरमर की नमी के साथ मिलकर एक अद्भुत सुकून देती हैं. भीगी हवाओं में बैठकर इस स्मारक की नक्काशी को निहारना किसी जादुई अनुभव से कम नहीं. भीड़भाड़ कम होने की वजह से मानसून में यह जगह शांति चाहने वालों और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए और भी खास हो जाती है.

क्यों कहा जाता है ‘मेवाड़ का ताजमहल’ या ‘राजस्थान का ताजमहल’
जसवंत थाड़ा का निर्माण शुद्ध सफेद संगमरमर से किया गया है. यही कारण है कि इसे ताजमहल से तुलना दी जाती है. इसकी खूबसूरती और स्थापत्य शैली आगरा के ताजमहल से बिल्कुल अलग है. स्मारक में बने छोटे-छोटे गुम्बद और इसकी अनूठी राजस्थानी वास्तुकला इसे और भी आकर्षक बनाते हैं.

किसने बनवाया ‘राजस्थान का ताजमहल’
यह स्मारक महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की याद में उनके पुत्र महाराजा सादर सिंह ने बनवाया था. उस समय इस पर करीब 2 लाख 84 हजार रुपये की लागत आई थी. संगमरमर के अलावा यहां लाल रंग का पत्थर भी उपयोग किया गया है, जो स्मारक को एक अलग दृष्टि प्रदान करता है. स्मारक के भीतर आपको मेवाड़ के शासकों की तस्वीरें और उनकी यादगार झलकियां देखने को मिलेंगी.

पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है सजावट
जसवंत थाड़ा में प्रवेश करते ही स्थानीय लोक कलाकार अपने गीतों से आपका स्वागत करते हैं. अंदर प्रवेश करने पर नक्काशीदार दीवारें, खूबसूरत कलाकृतियां और स्तंभों की अद्भुत सजावट पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है. स्मारक के चारों ओर बने कमरे, उकेरे गए चित्र और दूर से दिखाई देने वाले गुम्बद, मुगल और राजस्थानी वास्तुकला का बेहतरीन मेल पेश करते हैं.

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घंटों निहारते रहेंगे खूबसूरती
स्मारक का विशाल लॉन और पास ही बनी झील इस जगह की शांति को और बढ़ा देती है. पर्यटक यहां घंटों बैठकर इसकी खूबसूरती को निहारते हैं. यह जगह न केवल राजसी वैभव का अहसास कराती है, बल्कि यहां शाही परिवार के अंतिम संस्कार स्थल के अवशेष भी देखने को मिलते हैं.

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कैसे पहुंचे जोधपुर?
जोधपुर राजस्थान का प्रमुख शहर है और यहां पहुंचना बेहद आसान है. यहां आप हवाई, रे, बस या अपने निजी वाहन से जा सकते हैं.
हवाई मार्ग- नज़दीकी हवाई अड्डा जोधपुर एयरपोर्ट है.
रेल मार्ग- जोधपुर रेलवे स्टेशन देश के कई शहरों से जुड़ा हुआ है.
सड़क मार्ग- राष्ट्रीय राजमार्गों के जरिए आप दिल्ली, जयपुर और गुजरात से आराम से यहां पहुंच सकते हैं.

बारिश या सर्दियों के मौसम में यहां का नज़ारा और भी मनमोहक हो जाता है. संगमरमर पर पड़ती धूप और हल्की ठंडी हवाएं इसे एक अलग रूप देती हैं.

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