World Humanitarian Day 2025: मानवता ही जीवन का आधार है, यही सबसे बड़ा उपहार है…
manaeta par kavita

World Humanitarian Day 2025: मानवता ही जीवन का आधार है, यही सबसे बड़ा उपहार है…

मानवता ही जीवन का आधार है,
यही सबसे बड़ा उपहार है.
मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर से बढ़कर,
इंसानियत का दीप सदा उजागर.

जब भूखा मिले, रोटी बन जाओ,
प्यासे को दिखो, तो पानी बन जाओ.
दुख में जो सहारा बनता है,
वही मानवता का सच्चा चेहरा है.

हां, मैं एक वर्किंग मां हूं…

जाति-धर्म की दीवारें मिटाओ,
प्यार का सागर हर दिल में बसाओ.
ना ऊंच-नीच, ना भेद कोई हो,
हर इंसान को इंसान समझो.

अगर किसी के आंसू तुम पोंछ दो,
उसके दिल में खुशियों के बीज बो दो.
यही है सबसे पवित्र पूजा,
यही है जीवन का सच्चा सूत्र.

मानवता है करुणा की छाया,
जो हर दुखी मन को अपनाए.
जो बांटे प्यार, जो बांटे उजियारा,
वही है जीवन का सबसे बड़ा सहारा.

ईश्वर भी वहीं विराजमान है,
जहां इंसान का दिल महान है.
मूर्ति, तस्वीर या ग्रंथ से नहीं,
इंसानियत के कर्मों से पहचान है.

आओ हम सब ये प्रण करें,
हर दिल में दया का दीप जलाएं.
मानवता का संदेश फैलाएं,
धरती को सचमुच स्वर्ग बनाएं.

Scroll to Top