अक्सर आपने लोगों को किसी न किसी अपराध की वजह से जेल की हवा खाते देखा होगा. वहीं, कई लोग तो ऐसे होते हैं, जो जेल न जाने के लिए अधिकारियों और मंत्रियों के चक्कर लगाते हैं लेकिन क्या कभी आपने किसी ऐसे को देखा है, जो खुद जेल जाने के लिए अधिकारियों और कोर्ट से हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट करे.
नहीं न… सुनने में भी बहुत अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच है. पूरा का पूरा परिवार ही एक 6 महीने की बच्ची को जेल भेजने के लिए कोर्ट से लेकर अधिकारियों तक के चक्कर काट रहा है. मासूम बच्ची को जेल भेजने से जुड़ा यह हैरतंगेज मामला उत्तर प्रदेश के चित्रकूट से जुड़ा है.
दिल को हिलाकर रख देने वाली यह खबर चित्रकूट के राजापुर थाना क्षेत्र से जुड़ी है. दरअसल हाल ही में राजापुर थाना में रामलीला के दौरान एक पुलिसवाले ने एक महिला संग छेड़छाड़ कर दी थी. इसके चलते वहां मौजूद लोगों ने दो सिपाहियों की तबीयत से धुलाई कर दी थी. इस केस में पुलिस ने 20 नामजद और करीब 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार लोगों में पूजा नाम की महिला भी थी. बता दें कि पूजा की 6 महीने की मासूम बच्ची है. पूजा के जेल जाने के बाद वह मां से दूर हो गई है.
नहीं मिल रहा मां का दूध
बताया जा रहा है कि जब से पूजा को जेल भेजा गया है 6 महीने की मासूम हर समय रोती रहती है. न तो उसे मां की गोद मिल रही है, न ही मां का दूध. मां की गोद न मिलने से बच्ची का ध्यान रखना मुश्किल हो रहा है. पूरा परिवार उसे चुप करवाकर परेशान हो गया है लेकिन मासूम बच्ची रोना बंद नहीं कर रही है. इस समय वह अपनी दादी के पास है.
यही वजह है कि पूरा परिवार चाहता है कि दूधमुंही बच्ची को उसकी मां के पास जेल ही भेजा दिया जाए. जेल में रहकर मासूम को कम से कम मां की गोद में सुकून की नींद और समय से उसका दूध तो मिल सकेगा.
जेल की तरफ से हुई मनाही
परिवार जब जेल के अधिकारियों के पास पहुंचा तो जेल प्रशासन ने दूधमुंही बच्ची को मां के पास रखने से मना कर दिया. उसके बाद से ही पूरा का पूरा परिवार बच्ची को जेल में उसकी मां के पास भेजने के लिए दिन-रात अधिकारियों के चक्कर काट रहा है. परिवार का कहना है कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. परिजनों का कहना है कि एक बच्ची को उसकी मां से दूर कर दिया गया है. बच्ची की क्या गलती है. उसे जेल में उसकी मां के ही पास रखा जाए.
क्या है पुलिस का कहना
चित्रकूट कारागार रगौली के जेल अधीक्षक अशोक सागर का कहना है कि कागजों में पुलिस ने बच्ची का कोई जिक्र नहीं किया गया है. ऐसे में जेल प्रशासन दूधमुंही बच्ची को किसी भी तरह से जेल में नहीं रख सकता है. अगर परिवार कोर्ट से आदेश ले आए तो वह बच्ची को जेल में रख सकते हैं.
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