machis ka avishkar

गलती से हुई थी माचिस बनाने की शुरुआत, बड़ा दिलचस्प है इसका इतिहास

Scientist Invent Matchstick: माचिस एक ऐसी चीज है, जिसका इस्तेमाल दुनिया भर के घरों में किया जाता है. वहीं, भारत के हर घर में आज भी यह प्राथमिकता के साथ इस्तेमाल की जाती है. माचिस का इस्तेमाल तो सभी करते हैं लेकिन क्या कभी आपके मन में यह सवाल आया कि आखिर इसका आविष्कार कैसे हुआ होगा? कैसे यह किसी वैज्ञानिक के दिमाग की उपज बनी थी?

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आपको जानकर हैरानी होगी कि माचिस का आविष्कार नहीं किया गया बल्कि यह एक गलती की वजह से बन गई और फिर इसका इस्तेमाल किया जाने लगा. ब्रिटेन के वैज्ञानिक जॉन वॉकर को माचिस का आविष्कार कहा जाता है हालांकि इसे बनाने के लिए उन्होंने कोई प्लान नहीं किया था और संयोग से ही आइडिया आया था.

जानकारी के अनुसार, एक बार जॉन वॉकर अपनी लैब में रसायनों के साथ कुछ एक्सपेरिमेंट कर रहे थे तभी एक छोटी सी लकड़ी पर रसायन जम गया. जैसे उन्होंने इस लकड़ी को जमीन पर फेंका तो उसमें आग लगने लग गई तभी से जॉन वॉकर ने माचिस बनाने का आईडिया लिया.

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सन 1832 में माचिस के रसायनों में कई तरह के चेंज किए गए और फिर इसे एक्सीडेंटल इन्वेंशन का नाम भी दिया गया. साल 1832 में फ्रांस में एंटीमनी सल्फाइड के स्थान पर माचिस की तीली पर फास्फोरस का इस्तेमाल किया गया था.

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