सांपों को मारने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है…

Lucknow Snake Catcher Aditya Tiwari Story: सांप एक ऐसा जीव है, जिसे देखते ही लोगों की हवाइयां उड़ जाती हैं, लोगों के होश फाख्ता हो जाते हैं और लोग उल्टे पैरों भाग खड़े होते हैं लेकिन वही राजधानी लखनऊ में एक ऐसा शख्स रहता है, जो की सांपों की हरकतों का दीवाना है. सांप की हरकतें उसे आकर्षित करती हैं. सापों द्वारा परिवेश के अनुकूल खुद को ढालने की क्षमता और बिना अंगों वाला उनका रूप आदित्य को हतप्रभ करके रख देता है.

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर सांपों को लेकर भी किसी शख्स के अंदर इस कदर दीवानगी हो सकती है तो हां यह सच है. यह शख्स कोई और नहीं बल्कि लखनऊ के जाने-माने स्नेक कैचर और रेस्क्यूर आदित्य तिवारी हैं, जिन्होंने अब तक हजारों सांपों की जान बचाई है. स्नेक रेस्क्यूर के तौर पर काम करने की शुरुआत उन्होंने कक्षा 9 में ही कर दी थी. इस दौरान उन्होंने सबसे पहले एक सांप को बचाया था, जो कि उनके घर में एक मोजे के अंदर मौजूद था. यही वह पल था, जब सांपों के प्रति उनका समर्पण और प्यार देखकर उनके माता-पिता भी हैरान रह गए थे.

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सांप के प्रति क्या सोच रखते हैं आदित्य तिवारी
इसके बाद जब आदित्य तिवारी ने अपने शौक के बारे में घर-परिवार में बताया तो यह उनके लिए बेहद ही नया था. एक तरफ जहां लोग सांपों से डरते थे, वहीं, आदित्य तिवारी उनके प्रति एक अलग ही व्यवहार रखते हैं. आदित्य तिवारी की माने तो सांप वह प्राणी हैं, जिनका अस्तित्व बढ़ती जनसंख्या और वनों की कटाई के चलते संकट में आ गया है. सांपों को देखते ही लोग उन्हें खतरों के रूप में समझते हैं लेकिन आदित्य तिवारी का कहना है कि अगर उन्हें छेड़ा ना जाए तो वह भी इंसान को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. आदित्य तिवारी बताते हैं कि हमारे भारत देश में सर्पदंश और सांपों को लेकर लोगों में कई गलतफहमियां फैली हुई हैं. उनका कहना है कि अगर किसी को सांप काट भी ले तो लोगों को झाड़-फूंक के बजाय तुरंत डॉक्टर पास जाना चाहिए.

70 फ़ीसदी सांप जहरीले नहीं होते
बता दें कि हमारे भारत में 350 से ज्यादा सांपों की प्रजातियां पाई जाती हैं लेकिन इनमें से करीब 70 फ़ीसदी सांप जहरीले नहीं होते हैं और इनका काटना भी इंसान के लिए घातक नहीं होता है. सांपों को लेकर लोगों के मन में इतना डर बना हुआ है कि लोग उन्हें देखते ही मारना शुरू कर देते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. कभी भी सांपों को नहीं मारना चाहिए. करीब 13 सालों से इन बेजुबानों की जिंदगी बचाने का जिम्मा उठाए आदित्य तिवारी जहां कहीं भी जाते हैं, वहां पर ही लोगों को सांपों को बचाने के प्रति जागरुक करते नजर आते हैं.

सांपों को बचाने की अपील करते हैं आदित्य
लखनऊ के निवासी आदित्य तिवारी न केवल सांपों बल्कि पर्यावरण के लिए जरूरी बाकी अन्य जीवों को भी सुरक्षित रखने की अपील करते नजर आते हैं. पर्यावरण समिति से जुड़े हुए आदित्य तिवारी सांपों को पकड़ने का काम करते हैं. फिर वह चाहे सबसे विषैला किंग कोबरा ही क्यों ना हो. आदित्य तिवारी का कहना है कि बरसात के मौसम में ज्यादातर बिलों में पानी भर जाने की वजह से सांप बाहर निकल आते हैं और यह मई महीने से लेकर अगस्त तक लगभग बाहर ही रहते हैं.

यह हैं लखनऊ के बिग फोर
आदित्य तिवारी का कहना है कभी भी सांप बेवजह आप पर हमला नहीं करते. अगर कहीं पर आपको कोई भी सांप नजर आ जाए तो उसे छेड़ें ना. तुरंत सतर्क होकर वन विभाग को सूचित करना चाहिए. आदित्य तिवारी जिस संस्था से जुड़े हुए हैं, वह लखनऊ से लेकर आसपास के क्षेत्र में सांपों को बचाने का काम करती है. आदित्य तिवारी ने बताया कि लखनऊ में जहरीले सांपों की बात करें तो इनमें करैत, कोबरा, रसल वाइपर और सॉ स्केल्ड वाईपर पाए जाते हैं. राजधानी लखनऊ में इन्हें बिग फोर कहा जाता है और लगभग इन्हीं के काटे जाने के केसेज सबसे ज्यादा आते हैं.

सांप पर्यावरण में फूड चेन को बरकरार रखते
आदित्य तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बिना जहर वाले ज्यादातर सांप पर्यावरण में फूड चेन को बरकरार रखते हैं. ऐसे में अगर किसी को अपने घर में सांप नजर आता है तो उन्हें तुरंत 112 नंबर पर कॉल करके सूचित करना चाहिए या फिर पर्यावरण विभाग से संपर्क करना चाहिए. सांप पर तब तक नजर रखनी चाहिए, जब तक रेस्क्यू टीम पहुंच ना जाए साथी उन्होंने बताया कि अगर किसी के घर में चूहे या फिर मेंढक ज्यादा हैं तो उनके घर में सांप मिलने की संभावना बढ़ जाती है.

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सांप दूध नहीं पीते हैं
सांपों से जुड़ी अहम जानकारी देते हुए आदित्य तिवारी ने बताया कि ज्यादातर लोगों को लगता है कि सांप दूध पीते हैं, वहीं जब शिवरात्रि, नाग पंचमी समेत कई अन्य सांपों से जुड़े पर्व आतें हैं तो लोग उन्हें आस्था के नाम पर दूध पिलाते हैं लेकिन सच्चाई तो यह है कि सांप दूध नहीं पीते हैं. जैसे ही सांपों से जुड़ा कोई त्योहार आता है, सपेरे सांपों को 15-20 दिन पहले से ही धोखा रखना शुरू कर देते हैं. ऐसे में अगर भूखी जीव के सामने कुछ भी रखा जाए तो वह उसे तुरंत सेवन करने लगता है. यही हाल सांपों का भी होता है त्योहारों पर भूखे होने की वजह से सांप दूध गटकना शुरू कर देते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि सांप उसे पचा नहीं पाते हैं और कुछ समय बाद ही उनके फेफड़े फट जाते हैं. उनकी मौत हो जाती है. ऐसे में कभी भी शिवरात्रि या फिर नाग पंचमी पर सांपों को दूध नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि इससे बेजुबानों की मृत्यु हो सकती है.

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