Rajasthan Weather: राजस्थान के आसमान पर एक बार फिर बादलों का डेरा जम गया है. बंगाल की खाड़ी से उठे ‘मोंथा साइक्लोन’ (Montha Cyclone) के प्रभाव से प्रदेश का मौसम अचानक बदल गया है. कई इलाकों में तेज हवाओं और झमाझम बारिश का दौर जारी है.
मौसम विभाग ने गुरुवार सुबह 21 जिलों के लिए भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. यह चेतावनी अगले 48 घंटों तक प्रभावी रहेगी. विभाग के मुताबिक, इस दौरान 60-70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएँ, मेघगर्जन और आकाशीय बिजली की घटनाएँ देखने को मिल सकती हैं.
इन जिलों में जारी किया गया अलर्ट
जयपुर मौसम केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह 5:35 बजे तक जिन जिलों के लिए चेतावनी जारी की गई है, उनमें शामिल है- नागौर, बाड़मेर, जालौर, जोधपुर, पाली, अजमेर, सिरोही, उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, झुंझुनू, सीकर, टोंक, जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, बारां, कोटा और झालावाड़.
रेगिस्तानी प्रदेश में बरसात का अनोखा मिजाज
गर्म हवाओं और सूखी रेत के लिए मशहूर राजस्थान इन दिनों मौसम के एक अनोखे बदलाव का साक्षी बन रहा है. प्रदेश के दक्षिणी और पूर्वी भागों में लगातार मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो रही है, जो 30 और 31 अक्टूबर तक जारी रह सकती है. मौसम विभाग के अनुसार, हालांकि भारी बारिश की तीव्रता में अब कमी आने की संभावना है, फिर भी बारिश और बूंदाबांदी का सिलसिला कई जिलों में रुकने का नाम नहीं ले रहा. यह बदलाव जहां किसानों के लिए राहतभरी खबर है, वहीं आम जनजीवन पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है.
कहां-कहां हो रही है बारिश
29 अक्टूबर की अपडेट रिपोर्ट में विभाग ने बताया कि उदयपुर और कोटा संभाग में आज भी भारी बारिश की आशंका बनी हुई है. जबकि अजमेर, जयपुर, भरतपुर और जोधपुर संभाग के कुछ हिस्सों में मेघगर्जन के साथ मध्यम वर्षा हो सकती है. दक्षिणी और पूर्वी राजस्थान में अगले 4 से 5 दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान है. इससे प्रदेश के कई हिस्सों में झीलें, नदियाँ और तालाब उफान पर हैं, जबकि कुछ क्षेत्रों में खेतों में पानी भरने लगा है.
नया सिस्टम 3 नवंबर से हो सकता है सक्रिय
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्तमान सिस्टम के कमजोर पड़ने के बावजूद, 3 नवंबर से एक नया मौसमी सिस्टम सक्रिय हो सकता है. यह नया सिस्टम फिर से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में छिटपुट से मध्यम बारिश ला सकता है. इससे पहले 30 अक्टूबर को उदयपुर, कोटा, अजमेर, जयपुर, भरतपुर और जोधपुर जैसे जिलों में बारिश दर्ज की गई थी, जिससे तापमान में गिरावट आई और वातावरण में ठंडक घुल गई.
किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है बारिश
यह बारिश किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. रबी फसलों की बुवाई के मौसम में यह नमी मिट्टी को उपजाऊ बना रही है. विशेष रूप से गेहूं, जौ और सरसों जैसी फसलों के लिए यह बारिश बेहद फायदेमंद साबित हो रही है. प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में किसानों के चेहरों पर राहत और उम्मीद की मुस्कान लौट आई है.
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शहरों में परेशानी, गांवों में राहत
जहाँ ग्रामीण क्षेत्रों में यह बारिश खुशी का कारण बनी हुई है, वहीं कुछ शहरी इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति देखने को मिल रही है.
कई सड़कों पर कीचड़ और पानी जमा होने से यातायात प्रभावित हुआ है. बारिश ने प्रदेश की गर्मी को कम कर मौसम को सुहावना बना दिया है.
मौसम विभाग ने दी सतर्कता की सलाह
मौसम विभाग ने जनता से सतर्क रहने की अपील की है. मेघगर्जन और आकाशीय बिजली की संभावनाओं को देखते हुए लोगों को खुले मैदानों में जाने से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है. विभाग ने कहा है कि अगले 48 घंटों तक स्थिति पर करीबी निगरानी रखी जाएगी.
राजस्थान में ‘मोंथा साइक्लोन’ का असर अब धीरे-धीरे कम होने की ओर है, लेकिन बारिश की फुहारें और ठंडी हवाएं प्रदेश में एक बार फिर मौसम का नया रंग बिखेर रही हैं.









