Rajasthan weather: राजस्थान में ठंड की मार तेज हुई है. पिछले कई दिनों से सीकर जिला प्रदेश का सबसे ठंडा इलाका बना हुआ है. मौसम विभाग की डेली रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को फतेहपुर (सीकर) में न्यूनतम तापमान मात्र 5.8°C दर्ज किया गया, जो कि इस सीजन का अब तक का सबसे कम तापमान रहा.
वहीं दूसरी ओर जालौर सबसे गर्म जिला साबित हुआ, जहां अधिकतम तापमान 31.4°C रिकॉर्ड किया गया. प्रदेश भर में औसत आर्द्रता 30% से 70% के बीच रही.
शेखावाटी और आसपास में कड़कड़ाती सर्दी
मौसम विभाग ने बताया कि शेखावाटी एवं आसपास के जिलों में न्यूनतम तापमान 6-8°C के बीच पहुंच चुका है, जिससे सर्दी का प्रभाव और गहरा गया है. बावजूद इसके प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान अभी भी लगभग 10°C के आसपास बना हुआ है, जो सामान्य स्तर के करीब है.
नए पश्चिमी विक्षोभ का असर, 27 व 28 नवंबर को मौसम बदलेगा
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के हवाले से विभाग ने बताया है कि एक नया पश्चिमी विक्षोभ प्रदेश पर प्रभाव डाल रहा है. इसके चलते 27 और 28 नवंबर को प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम में बदलाव की संभावना है. इस दौरान कई जिलों में बादल छाने की आशंका है. हल्की बारिश/बूंदाबांदी होने की संभावना जताई जा रही है.
बारिश संग बूंदाबांदी की चेतावनी
पूर्वी राजस्थान के अजमेर व उदयपुर संभाग में बादल विशेष रूप से सक्रिय रह सकते हैं और कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा रेकॉर्ड की जा सकती है. पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर व जोधपुर संभाग के कुछ हिस्सों में भी बूंदाबांदी की संभावना बनी हुई है.
मौसम विभाग का कहना है कि यह हल्की वर्षा स्थानीय स्तर पर तापमान में मामूली गिरावट ला सकती है और सुबह-शाम की ठंडक और बढ़ा सकती है. कुल मिलाकर अगले दो दिनों तक प्रदेश में अस्थिर मौसम बना रह सकता है.
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मानसून के बाद अनियमित बारिश से किसानों को नुकसान
इस साल प्रदेश में करीब चार महीने तक मानसूनी बरसात दर्ज की गई. इसके बाद भी पश्चिमी विक्षोभों के कारण असमय और अतिरिक्त बारिश होती रही, जिससे कुछ क्षेत्रों में कृषि फसलें प्रभावित हुईं. मौसम की अनियम्यता से किसानों को खासकर मूंग और धान जैसी कट चुकी फसलों में नुकसान की खबरें मिली थीं. हालांकि, पिछले दो सप्ताह के दौरान बारिश थमी रही थी और किसानों को थोड़ी राहत मिली थी लेकिन अब मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी ने फिर चिंता बढ़ा दी है.
रहें सतर्क
मौसम में आने वाली इस अस्थिरता का असर किसानों, किसानों की कटाई-भंडारण गतिविधियों, और ठंड से संवेदनशील जनसमुदाय पर पड़ सकता है. विभाग की चेतावनी के मद्देनजर यदि संभव हो तो कटाई-भंडारण और फसल सुरक्षा के त्वरित इंतज़ाम रखें. सुबह-शाम के समय ठंड से बचने के उपाय करें.









