Rajasthan Weather Update: उत्तर भारत में सक्रिय वेस्टर्न डिस्टरबेंस का प्रभाव राजस्थान के मौसम पर स्पष्ट रूप से देखा गया. इस मौसमी सिस्टम के असर से उत्तर दिशा से चलने वाली ठंडी हवाओं की तीव्रता कमजोर पड़ गई, जिसके कारण प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड से कुछ हद तक राहत मिली. बीकानेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, चूरू और हनुमानगढ़ जिलों में दिनभर हल्के बादल छाए रहे. बादलों की मौजूदगी के चलते धूप की तीव्रता कम रही, जिससे मौसम अपेक्षाकृत सुहावना बना रहा.
इस बदलाव का असर तापमान पर भी देखने को मिला. जैसलमेर, सीकर, जयपुर, अलवर, अजमेर, फतेहपुर, प्रतापगढ़ और पाली समेत कई शहरों में न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई. तापमान में हुई इस वृद्धि के कारण सुबह और रात के समय महसूस होने वाली सर्दी से लोगों को राहत मिली. मौसम विभाग के अनुसार, बादल छाए रहने और ठंडी हवाओं की गति कमजोर होने के चलते न्यूनतम तापमान में यह बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आगामी दिनों में मौसम में हल्का उतार-चढ़ाव बना रह सकता है.
राजस्थान के अधिकांश जिलों में मौसम रहा शुष्क
मौसम विभाग की डेली डेटा रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के सभी जिलों में बीते 24 घंटों के दौरान मौसम शुष्क बना रहा. इस अवधि में तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई. रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में सबसे अधिक अधिकतम तापमान बाड़मेर में 31.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान सीकर जिले के फतेहपुर में 6.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. सुबह और रात के समय हल्की ठंड बनी रही, जबकि दोपहर के समय धूप तेज महसूस की गई. प्रदेश में आर्द्रता का स्तर औसतन 27 से 69 प्रतिशत के बीच दर्ज किया गया. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार फिलहाल मौसम में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है.
18 से 20 दिसंबर के बीच फिर सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ
मौसम विभाग का अनुमान है कि राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में आगामी एक सप्ताह तक मौसम शुष्क बने रहने की प्रबल संभावना है. हालांकि, एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के चलते अगले 1 से 2 दिनों के दौरान आसमान में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं. इसके प्रभाव से न्यूनतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना जताई गई है. आने वाले दिनों में राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास बने रहने की उम्मीद है, जिससे शीतलहर से लोगों को राहत जारी रह सकती है. वहीं, उत्तर-पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों में 18 से 20 दिसंबर के बीच एक और नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जो आगे मौसम में बदलाव ला सकता है.









