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क्या इन वजहों से नहीं देखनी चाहिए रामायण आधारित ‘आदिपुरुष’, खौल उठेगा खून

Ban Adipurush Movie: आखिरकार आज मैंने भी वह फिल्म देख ली, जिसके बारे में पूरे सोशल मीडिया पर हो-हल्ला मचा हुआ है. जी हां, हम बात फिल्म ‘आदिपुरुष’ की कर रहे हैं. जी हां, वही ‘आदिपुरुष’ जो कि हिंदुओं के पवित्र-पूजनीय सांस्कृतिक ग्रंथ रामायण पर बनी है. इस फिल्म में साउथ के सुपरस्टार प्रभास ने भगवान राम के किरदार को निभाया है तो वहीं बॉलीवुड की जानी-मानी हीरोइन कृति सेनन सीता बनी हैं. आपने यह बात तो सुनी ही होगी कि फिल्म को करीब 500 करोड़ के बजट में बनाया गया है और इसे डायरेक्ट किया है साउथ के जाने-माने डायरेक्टर ओम रावत ने.

इस फिल्म को लेकर एक तरफ जहां लोग तालियां बजा रहे हैं, सिनेमाघरों में सीटियां मार रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस फिल्म के दूसरे पहलू की ओर कुछ लोगों की ही नजर जा रही है. समझ में नहीं आ रहा है कि यह फिल्म भगवान राम के जीवन पर बनी है या फिर पवित्र ग्रंथ रामायण का मजाक या उपहास उड़ाने के लिए. आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं. वैसे तो हम कुछ कहना ही नहीं चाहते हैं लेकिन अगर आप फिर भी इस फिल्म की चीजों को समझना चाहते हैं तो एक बार बस एक बार आप फिल्म ‘आदिपुरुष’ का ट्रेलर देख लीजिए. अगर आप सच्चे सनातनी सच्चे हिंदू हैं तो आपका इस फिल्म को देखकर खून जरूर खौल उठेगा.

आप सोच रहे होंगे कि आखिर हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? आप खुद ही सोचिए कि इस फिल्म में जिस तरीके से हिंदू के धार्मिक ग्रंथ रामायण के साथ छेड़छाड़ की गई है, जो शाश्वत सत्य है, जिसे हमारे ऋषि-मुनियों ने युगों-युगों अंतर में लिखा है, आज कुछ फिल्ममेकर उसी के तथ्यों के साथ ऐसी घिनौनी छेड़छाड़ करके चंद पैसों के लिए ऐसी फिल्म बनाए हैं, जिसे देखकर आपकी नजरें शर्म से झुक जाएंगी. फिल्म को देखने के बाद आपको इसमें भगवान राम हनुमान जी रावण समेत कई अन्य कैरेक्टर्स के ऐसे-ऐसे डायलॉग सुनने को मिलेंगे, जिन्हें कभी रामायण में शायद कहा ही नहीं गया होगा. ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है, जिसे सुनकर आपको लगेगा ही नहीं कि यह पवित्र ग्रंथ रामायण पर आधारित फिल्म है.

हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़
फिल्म में एक तरफ जहां विभीषण के साथ एक हसीन सी लड़की को उनकी सेक्रेटरी के तौर पर दिखाया गया है, वहीं, भगवान राम को उड़ते हुए दिखा दिया गया है. फिल्म के पहले हाफ को तो देखते हुए ऐसा लगेगा कि आप कोई गूंगे-बहरों वाली फिल्म देख रहे हैं, जिसमें डायलॉग के नाम पर बड़ी मुश्किल से कहीं-कहीं पर किरदारों के मुंह से आवाज में निकली है. इस फिल्म को लेकर एक तरफ जहां पूरे साउथ फिल्म इंडस्ट्री में हो हल्ला मचा हुआ है, वहीं कृति सेनन भी निशाने पर आ गई हैं. फिल्म में माता सीता को जिस तरह से स्लीवलैस कपड़ों में दिखाया गया है, वह देखकर कई हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो गई हैं. क्रिएटिव लिबर्टी के नाम पर फिल्म के डायरेक्टर ओम रावत ने रामायण के तथ्यों के साथ ऐसी छेड़छाड़ की है, ऐसी फिल्म बनाई है, जिसे देखकर आज की नई पीढ़ी में रामायण को लेकर गलत संदेश तक पहुंच रहा है. फिल्म के एक सीन में जब राजा दशरथ और भगवान राम का सीन दर्शाया गया है, वहां पर राम बने प्रभास ने मानो जीसस की तरह कपड़े पहन रखे हों. उन्होंने जो लबादा पहना हुआ है, वह कहीं से भी भगवान श्री राम का गेट अप नहीं लग रहा है.

अजीबोगरीब डॉयलॉग
चंद पैसों के लिए भगवान हनुमान, भगवान श्री राम के डायलॉग्स को ऐसे-ऐसे तोड़ा मरोड़ा गया है, जिसे सुनकर आपके कानों को लगेगा कि उनमें किसी शीशे को पिघला दिया गया है. फिल्म में VFX का इस्तेमाल तो इतना ज्यादा किया गया है, ऐसा लगेगा कि मानो आप किसी एनिमेशन वाली फिल्म को देख रहे हों. आपको यह लगेगा ही नहीं कि यह एक फिल्म है.

रावण की लंका काली दिखाई गई
आप जरा खुद ही सोचिए कि हमेशा से आप पढ़ते सुनते आए हैं कि रावण की लंका सोने की थी लेकिन इस फिल्म में ओम रावत ने लंका को मानो कोयले से रंग दिया हो. जी हां ‘आदिपुरुष’ में रावण की लंका एकदम काले रंग की दिखाई गई है. हैरानी की बात तो यह है रामायण का रावण जहां प्रकांड पंडित था बहुत ज्यादा विद्वान था और वह पुष्पक विमान से उड़ता था, वहीं, फिल्म ‘आदिपुरुष’ में इस रावण को चमगादड़ पर उड़ते हुए दिखाया गया है और उससे भी ज्यादा शर्मनाक बात तो यह है कि चमगादड़ जैसे दिखने वाले पुष्पक विमान को लैंड करने के लिए भी उसने हेलीपैड जैसी मजाकिया चीज बना रखी है. यह बात तो आप जानते ही होंगे कि जो लोग आराधना करते हैं, उनके लिए पूजा घर से पवित्र कोई चीज नहीं होती है लेकिन इस रावण ने जहां पर अपनी साधना की जगह बनाई है, जहां पर वह शिव वंदना करता है वहां पर उसी की मूर्तियां बोलती हैं और आरती तक गाती हैं. आप इस फिल्म को ना देखने की कई वजहें हैं, जिन्हें जानने के बाद आप फिल्म को बॉयकॉट करना ही पसंद करेंगे.

कानों से खून निकाल देने वाले डॉयलॉग्स
अब आप जरा इस फिल्म के एक से बढ़कर एक कान से खून निकाल देने वाले डायलॉग सुनिए. उससे पहले हम आपको यह भी बता दें कि यह डायलॉग किसने लिखे हैं. यह जाने-माने मशहूर शायर मनोज मुंतशिर शुक्ला ने लिखे हैं. जी हां, एक पंडित होकर के मनोज मुंतशिर शुक्ला ने जिस तरह से इस फिल्म में डायलॉग को लिखा है, वह देख कर आप भी शर्म से पानी पानी हो जाएंगे. फिल्म में जब बजरंगबली लंका पहुंचते हैं तो इंद्रजीत उनकी पूंछ में आग लगाने के बाद कहता है- जली ना. यही मत रुकिए इसके बाद अब हनुमान जी का जवाब भी तो सुनिए. बजरंगबली जवाब में कहते हैं- कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की और जलेगी भी तेरे बाप की. अब जरा अंगद का डायलॉग रावण के लिए सुनिए – रघुपति राघव राजा राम बोल और अपनी जान बचा ले नहीं तो आज खड़ा है कल लेटा हुआ मिलेगा. उससे भी ज्यादा अजीबोगरीब डायलॉग शेष यानी कि लक्ष्मण जी के लिए इंद्रजीत ने इस्तेमाल किया है मेरे सपोले ने तुम्हारे शेषनाग को लंबा कर दिया, अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है.

टूट गई फैंस की उम्मीदें
इस फिल्म को देखने के बाद ऐसा लगता है कि लोगों को ओम राउत को सलाह देनी चाहिए कि या तो वह रामायण जाकर देख ले या फिर पोगो चैनल देखा करें क्योंकि हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामायण के साथ इतनी ज्यादा छेड़छाड़ करने का हक किसी को भी नहीं है. भले ही यह फिल्म मनोरंजन के उद्देश्य से बनाई गई है लेकिन जिस तरीके से इसमें रामायण के पात्रों का उपहास किया गया है, वह वाकई असहनीय है. जिस तरीके से फिल्म के पोस्टर्स को दिखाया गया था उससे तो यही लग रहा था कि भगवान राम के किरदार में प्रभास कोई नया कमाल करने वाले हैं. बाहुबली फिल्म की तरह ही उन उनकी इस फिल्म से भी उनके फैंस को बड़ी उम्मीदें थी. फिल्म में एक जगह रावण के पास जब उसकी बहन अपनी नाक कटी हुई लेकर पहुंचती है तो रावण गुस्से में कहता है जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे, उन की लंका लगा देंगे. अब रावण क्या अपनी ही लंका को उनको लगा देगा.

उससे भी ज्यादा मजेदार सीन तो तब आता है, जब अशोक वाटिका में सीता बनी कृति सेनन से मिलने के लिए बजरंगबली पहुंचते हैं. ऐसे में एक राक्षस आता है और बजरंगबली से कहता है- तेरी बुआ का बगीचा है क्या, जो हवा खाने चला आया? अब जरा सोचिए कि रामायण जैसे पवित्र ग्रंथ में कभी ऐसे संवाद प्रयोग भी हुए होंगे. क्या फिल्म को देखने के बाद लोगों का तो यह भी कहना है कि यह फिल्म ‘आदिपुरुष’ प्रभु राम के जीवन चरित्र पर नहीं बल्कि ऐसा लगता है किसी छपरी पर बनी फिल्म है. जिस तरह का ओज, तेज और विद्वता भगवान राम में थी, वह प्रभास में कहीं पर भी नजर नहीं आई है. अब आप सोचिए कि वनवास काटते समय भगवान राम और लक्ष्मण क्या खुद ही शबरी के बेर खाने पहुंचे थे लेकिन इस फिल्म में तो उल्टा ही दिखा दिया गया है. खुद शबरी चलकर आती है अपने बेर खिलाने के लिए. फिल्म ‘आदिपुरुष’ में हिंदुओं के आराध्य और आस्था के केंद्र कहीं जाने वाले रामायण जैसे ग्रंथों को विकृत तरीके से जो दिखाया गया है, उससे आज की नई जनरेशन को शायद गलत ही सीख मिली होगी. फिल्म ‘आदिपुरुष’ में रावण की बहन सूर्पनखा को इतना ज्यादा मॉडल दिखाया गया है कि वह अश्लीलता और नग्नता के पर्दे में एक जगह पर शराब पीती नजर आ रही है.

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